आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की बहन ने तेलंगाना में नयी पार्टी बनाने के संकेत दिए

punjabkesari.in Tuesday, Feb 09, 2021 - 09:50 PM (IST)

हैदराबाद, नौ फरवरी (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी की बहन वाई. एस. शर्मिला ने मंगलवार को अपने दिवंगत पिता के सहयोगियों से बातचीत की, जिसके बाद उनके द्वारा तेलंगाना में नयी पार्टी बनाए जाने की अटकलें तेज हो गई हैं।

इस संबंध में आंध्र प्रदेश में सत्तरूढ़ वाईएसआर कांग्रेस का कहना है कि जगन मोहन और शर्मिला के बीच कोई मनमुटाव नहीं है और सिर्फ तेलंगाना की राजनीति में उनके कदम रखने को लेकर भाई-बहन के बीच ‘मतभेद’ है।

शर्मिला के पिता और दिवंगत वाई. एस. राजशेखर रेड्डी अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री (2004 से 2009 तक) रहे थे। वाईएसआर के नाम से लोकप्रिय रेड्डी की सितंबर 2009 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।

पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर अफवाह है कि शर्मिला अपने भाई जगन मोहन रेड्डी के हस्तक्षेप के बगैर पड़ोसी राज्य तेलंगाना में अपनी पार्टी बनाना चाहती हैं।

माना जा रहा है कि वह अपने पिता के करीबी रहे कुछ बड़े नेताओं के संपर्क में हैं और तेलंगाना में भी ‘राजन्ना राज्यम’ (राजशेखर रेड्डी का शासन) वापस लाना चाहती हैं।

बैठक के बाद शर्मिला ने मीडिया से कहा, ‘‘मैं पहले जमीनी हकीकत से वाकिफ होना चाहती हूं और उनसे सूचनाएं प्राप्त करना चाहती हूं। मैंने नलगोंडा जिले के लोगों को बुलाया है, यह उनसे जुड़ाव है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक जिले के लोगों के साथ बैठक की जाएगी।’’
राजनीतिक दल बनाने के संबंध में सवाल करने पर शर्मिला ने सीधे-सीधे जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘अभी ‘राजन्ना राज्यम’ नहीं है। इसे वापस क्यों नहीं आना चाहिए?’’
उन्होंने कहा मेरा उद्देश्य राजन्ना राज्यम की स्थापना है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश में अपना काम कर रहे हैं और मैं अपना काम तेलंगाना में करूंगी।’’
शर्मिला और उनकी मां विजयम्मा ने 2019 के चुनावों में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के पक्ष में जमकर प्रचार किया था। चुनाव में जगन की पार्टी वाईएसआरसी की जीत के बाद शर्मिला सार्वजनिक तौर पर ज्यादा नहीं दिखी हैं।

वाईएसआर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आंध्र प्रदेश सरकार के सलाहकार सजल रामकृष्ण रेड्डी ने विजयवाड़ा के पास संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जगन और शर्मिला के बीच कोई मनमुटाव नहीं है, सिर्फ उनके तेलंगाना की राजनीति में जाने को लेकर ‘मतभेद’ है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजशेखर रेड्डी की बेटी होने के नाते उनमें नेतृत्व के गुण हैं। विभिन्न स्तरों पर लोगों ने उन्हें तेलंगाना की राजनीति में कदम नहीं रखने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने अंतत: फैसला कर लिया है... उन्हें राजनीतिक परिणामों का भी सामना करना होगा। ’’
उन्होंने कहा कि चूंकि वाईएसआर कांग्रेस ने तय कर रखा है कि वह तेलंगाना सहित अन्य किसी भी राज्य की राजनीति में कदम नहीं रखेगी, शर्मिला ने संभवत: स्वतंत्र रूप से वहां शून्य को भरने का फैसला किया है।

गौरतलब है कि 2014 में आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन के साथ ही दो राज्यों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का गठन हुआ। स्थापना के बाद से ही तेलंगाना में के. चन्द्रशेखर राव नीत तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का शासन है, जिसने लगातार दोनों विधानसभा चुनाव जीते हैं।

शर्मिला ने अविभाजित नलगोंडा जिले से अपने पिता राजशेखर रेड्डी के समर्थकों से ‘लोटस पॉंन्ड’ स्थित परिवार के आवास पर भेंट की।

वाईएसआर कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के वरिष्ठ नेता कोंडा राघव रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि शर्मिला राजनीतिक दल बनाएंगी और विचारधारा को जनता तक लेकर जाएंगी।

उनके अनुसार, नयी पार्टी के गठन की घोषणा आने वाले दिनों में तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के चेवेल्ला में जनसभा में की जाएगी।

बैठक के दौरान आवास पर लगे बैनरों में शर्मिला और उनके पिता राजशेखर रेड्डी की तस्वीरें थीं। हालांकि, जगन मोहन रेड्डी की तस्वीर कहीं नजर नहीं आयी।

गौरतलब है कि 2012 में जब जगन मोहन रेड्डी को एक मामले में जेल में बंद रखा गया था तो शर्मिला ने उनके पक्ष में ‘पदयात्रा’ की थी।


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