लॉकडाउन की वजह से दवा निर्यात का 22 अरब डालर का लक्ष्य पाना मुश्किल
punjabkesari.in Monday, Apr 06, 2020 - 05:30 PM (IST)
हैदराबाद, छह अप्रैल (भाषा) कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये लगाये गये लॉकडाउन (प्रतिबंधों) और निर्यात की पाबंदी का असर देश से दवाओं के निर्यात पर भी पड़ सकता है। औषधि निर्यात संवर्धन परिषद के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कुछ दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगने की वजह से 2019- 20 में औषधि निर्यात के 22 अरब डालर के लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल होगा।
परिषद के मुताबिक 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में औषधि निर्यात लक्ष्य से कम रहा सकता है। परिषद को पहले उम्मीद थी कि वर्ष के दौरान यह 22 अरब डालर के आंकड़े को पार कर जायेगा।
औषधि निर्यात संवर्धन परिषद (फार्मेक्सिल) के महा निदेशक उदय भास्कर ने कहा कि इससे पिछले वित्त वर्ष (2018- 19) में दवाओं का निर्यात 19.14 अरब डालर था।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस फैलने की स्थिति को लेकर वैश्विक स्थिति अनिश्चित हो गई है। हर देश ने अपने अपने तरीके से प्रतिबंध लगा रखे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल मार्च में निर्यात 2.1 अरब डालर रहा था। इससे वित्त वर्ष 2019- 20 के दौरान दवा निर्यात 22 अरब डालर तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया। इससे पहले 2017- 18 में दवाओं का निर्यात 17.28 अरब डालर रहा था।
कोविड- 19 महामारी के इलाज में कुछ दवाओं की अहम् भूमिका को देखते हुये भारत ने पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन जैसी कुछ दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।
अधिकारी ने पीटीआई- भाषा से कहा, ‘‘जहां तक निर्यात की बात है, कई तरह के प्रतिबंध लगाये गये हैं, लेकिन हम पिछले साल (2018- 19) के आंकड़े को पार कर सकते हैं। पिछले वित्त वर्ष में हमने 19.14 अरब डालर का निर्यात किया था। वित्त वर्ष 2019-20 में फरवरी अंत तक हमने 18.74 अरब डालर का निर्यात कर लिया था। मार्च में यदि बड़ी कमी आती भी है तो भी निर्यात आंकड़ा 2018- 19 से अधिक रह सकता है। ’’
उन्होंने कहा कि भारत को चीन से कुछ सक्रिय औषधि सामग्री (एपीआई) मिलनी शुरू हो गई है, हालांकि इस तरह की थोक दवाओं को अभी उनके गंतव्य तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। बहरहाल, इस समय की स्थिति के मुताबिक एपीआई आयात पाने में कोई कठिनाई नहीं है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
परिषद के मुताबिक 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में औषधि निर्यात लक्ष्य से कम रहा सकता है। परिषद को पहले उम्मीद थी कि वर्ष के दौरान यह 22 अरब डालर के आंकड़े को पार कर जायेगा।
औषधि निर्यात संवर्धन परिषद (फार्मेक्सिल) के महा निदेशक उदय भास्कर ने कहा कि इससे पिछले वित्त वर्ष (2018- 19) में दवाओं का निर्यात 19.14 अरब डालर था।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस फैलने की स्थिति को लेकर वैश्विक स्थिति अनिश्चित हो गई है। हर देश ने अपने अपने तरीके से प्रतिबंध लगा रखे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल मार्च में निर्यात 2.1 अरब डालर रहा था। इससे वित्त वर्ष 2019- 20 के दौरान दवा निर्यात 22 अरब डालर तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया। इससे पहले 2017- 18 में दवाओं का निर्यात 17.28 अरब डालर रहा था।
कोविड- 19 महामारी के इलाज में कुछ दवाओं की अहम् भूमिका को देखते हुये भारत ने पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन जैसी कुछ दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।
अधिकारी ने पीटीआई- भाषा से कहा, ‘‘जहां तक निर्यात की बात है, कई तरह के प्रतिबंध लगाये गये हैं, लेकिन हम पिछले साल (2018- 19) के आंकड़े को पार कर सकते हैं। पिछले वित्त वर्ष में हमने 19.14 अरब डालर का निर्यात किया था। वित्त वर्ष 2019-20 में फरवरी अंत तक हमने 18.74 अरब डालर का निर्यात कर लिया था। मार्च में यदि बड़ी कमी आती भी है तो भी निर्यात आंकड़ा 2018- 19 से अधिक रह सकता है। ’’
उन्होंने कहा कि भारत को चीन से कुछ सक्रिय औषधि सामग्री (एपीआई) मिलनी शुरू हो गई है, हालांकि इस तरह की थोक दवाओं को अभी उनके गंतव्य तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। बहरहाल, इस समय की स्थिति के मुताबिक एपीआई आयात पाने में कोई कठिनाई नहीं है।
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