तमिलनाडु सरकार ने अंतरराज्यीय नदी के पार जलाशयों के निर्माण संबंधी प्रस्ताव पर चिंता जताई

punjabkesari.in Tuesday, Aug 16, 2022 - 10:07 AM (IST)

चेन्नई, 13 अगस्त (भाषा) तमिलनाडु सरकार ने कोसस्थलैयर नदी के पार जलाशयों के निर्माण संबंधी आंध्र प्रदेश के प्रस्ताव पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे चेन्नई की पेयजल संभावनाओं पर असर पड़ेगा।

आंध्र प्रदेश के अपने समकक्ष जगन मोहन रेड्डी को लिखे एक पत्र में, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने कहा, ‘‘यह पता चला है’’ कि आंध्र प्रदेश सरकार ने चित्तूर जिले के मुक्कलकंडीगई और कथरापल्ली गांवों के पास नदी के पार दो जलाशयों के निर्माण को मंजूरी दे दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस कदम से चेन्नई और उसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी दुख हुआ है, जो पीने के पानी और सिंचाई के लिए कुछ हद तक नदी पर निर्भर हैं।’’
पत्र शनिवार को मीडिया को जारी किया गया।

कोसस्थलैयर नदी घाटी है और नदी अंतर-राज्यीय है। नदी घाटी का कुल क्षेत्रफल 3,727 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें से 877 वर्ग किलोमीटर आंध्र प्रदेश में और शेष तमिलनाडु में स्थित है।

स्टालिन ने रेड्डी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘नदी, उसकी सहायक नदियों या उप-सहायक नदियों के पार नए जलाशयों के इस तरह के किसी भी निर्माण से पूंडी जलाशय में प्रवाह प्रभावित होगा। इससे चेन्नई शहर को पेयजल आपूर्ति और ऊपरी इलाकों में पानी की आपूर्ति गंभीर रूप से प्रभावित होगी।’’
पत्र में कहा गया है कि इसके अलावा, यह उस क्षेत्र में सिंचाई को भी प्रभावित करेगा, जिससे किसानों की आजीविका प्रभावित होगी।

उन्होंने आंध्र के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे संबंधित अधिकारियों को उपरोक्त परियोजना के साथ आगे नहीं बढ़ने का निर्देश दें।

स्टालिन ने कहा, ‘‘मुद्दे की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, मैं आपसे तत्काल व्यक्तिगत हस्तक्षेप का अनुरोध करता हूं।’’


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PTI News Agency

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