नायडू ने बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देने पर जोर दिया
punjabkesari.in Wednesday, Jun 29, 2022 - 06:00 PM (IST)
चेन्नई, 29 जून (भाषा) छात्रों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने के लिए ध्यान देने पर जोर देते हुए उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को देशभर के स्कूलों से कहा कि बच्चों में जिज्ञासा, नवाचार और उत्कृष्टता की भावना मजबूत की जाए।
उप राष्ट्रपति ने वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान (वीआईटी) द्वारा यहां केलामबक्कम के पास कयार में स्थापित वेल्लोर इंटरनेशनल स्कूल (वीआईएस) का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘छात्रों को स्वयं सोचने में सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, उन्हें 21वीं सदी की समस्याओं के समाधान के लिए नयी तकनीकों के उपयोग के लिए दक्ष बनाया जाना चाहिए।’’
वीआईटी शिक्षण संस्थान समूह की शैक्षणिक यात्रा में इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए सराहना करते हुए नायडू ने कहा कि वीआईटी समूह निजी क्षेत्र में उच्च शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के वास्ते सतत प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यह संस्थान उनकी इस यात्रा में एक और उपलब्धि होगा।’’
नायडू ने कहा कि हमारी मातृभाषा पर ध्यान केंद्रित करने का यह मतलब नहीं है कि अंग्रेजी जैसी कोई अन्य भाषा नहीं सीखी जाए। उन्होंने कहा कि वह अक्सर कहते हैं कि सभी को अधिक से अधिक भाषाएं सीखनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मातृभाषा में मजबूत बुनियाद होना जरूरी है। नायडू ने कहा कि मातृभाषा के अलावा अन्य भाषाओं में निपुणता से सांस्कृतिक सेतु का निर्माण करने तथा अनुभव की नयी दुनिया के द्वार खुलने में मदद मिलती है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उप राष्ट्रपति ने वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान (वीआईटी) द्वारा यहां केलामबक्कम के पास कयार में स्थापित वेल्लोर इंटरनेशनल स्कूल (वीआईएस) का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘छात्रों को स्वयं सोचने में सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, उन्हें 21वीं सदी की समस्याओं के समाधान के लिए नयी तकनीकों के उपयोग के लिए दक्ष बनाया जाना चाहिए।’’
वीआईटी शिक्षण संस्थान समूह की शैक्षणिक यात्रा में इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए सराहना करते हुए नायडू ने कहा कि वीआईटी समूह निजी क्षेत्र में उच्च शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के वास्ते सतत प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यह संस्थान उनकी इस यात्रा में एक और उपलब्धि होगा।’’
नायडू ने कहा कि हमारी मातृभाषा पर ध्यान केंद्रित करने का यह मतलब नहीं है कि अंग्रेजी जैसी कोई अन्य भाषा नहीं सीखी जाए। उन्होंने कहा कि वह अक्सर कहते हैं कि सभी को अधिक से अधिक भाषाएं सीखनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मातृभाषा में मजबूत बुनियाद होना जरूरी है। नायडू ने कहा कि मातृभाषा के अलावा अन्य भाषाओं में निपुणता से सांस्कृतिक सेतु का निर्माण करने तथा अनुभव की नयी दुनिया के द्वार खुलने में मदद मिलती है।
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