ऑनलाइन ताश के संबंध में जल्द अध्यादेश जारी किया जाएगा: तमिलनाडु सरकार
punjabkesari.in Monday, Jun 13, 2022 - 12:27 PM (IST)
चेन्नई, 10 जून (भाषा) तमिलनाडु सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि ऑनलाइन ''रमी'' के संबंध में जल्द ही एक अध्यादेश जारी किया जाएगा। साथ ही सरकार ने कहा कि इस संबंध में एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में समिति गठित की गई है, जो इस मामले को देखने के बाद दो सप्ताह के भीतर राज्य सरकार को सिफारिशें सौंपेगी।
यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने ऑनलाइन खेले जाने वाले ताश के खेल ''रमी'' में कुछ लोगों की जान गंवाने की घटनाओं की ओर इशारा करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. चंद्रू की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का आदेश दिया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि समिति आंकड़े एकत्र करके ऑनलाइन ‘रमी’ के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान और आत्महत्या की प्रवृत्ति जैसे बड़े जोखिम वाले कारकों सहित विभिन्न पहलुओं पर विचार करेगी। साथ ही, यह खेल को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों के सामाजिक प्रभाव का अध्ययन और इसके समग्र प्रभाव का मूल्यांकन भी करेगी।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर, ''''इस सामाजिक समस्या का तत्काल समाधान खोजने के लिए जल्द ही एक अध्यादेश जारी किया जाएगा।''''
यह अन्य राज्य सरकारों के लिए एक आदर्श कानून के रूप में काम करेगा।
समिति दो सप्ताह के भीतर सरकार को सिफारिशें करते हुए अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ शंकररमण (आईआईटी), डॉ. लक्ष्मी विजयकुमार (मनोचिकित्सक और एनजीओ स्नेहा की संस्थापक), अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विनीत देव वानखेड़े समिति के अन्य सदस्य हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने ऑनलाइन खेले जाने वाले ताश के खेल ''रमी'' में कुछ लोगों की जान गंवाने की घटनाओं की ओर इशारा करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. चंद्रू की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का आदेश दिया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि समिति आंकड़े एकत्र करके ऑनलाइन ‘रमी’ के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान और आत्महत्या की प्रवृत्ति जैसे बड़े जोखिम वाले कारकों सहित विभिन्न पहलुओं पर विचार करेगी। साथ ही, यह खेल को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों के सामाजिक प्रभाव का अध्ययन और इसके समग्र प्रभाव का मूल्यांकन भी करेगी।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर, ''''इस सामाजिक समस्या का तत्काल समाधान खोजने के लिए जल्द ही एक अध्यादेश जारी किया जाएगा।''''
यह अन्य राज्य सरकारों के लिए एक आदर्श कानून के रूप में काम करेगा।
समिति दो सप्ताह के भीतर सरकार को सिफारिशें करते हुए अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ शंकररमण (आईआईटी), डॉ. लक्ष्मी विजयकुमार (मनोचिकित्सक और एनजीओ स्नेहा की संस्थापक), अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विनीत देव वानखेड़े समिति के अन्य सदस्य हैं।
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