भारत की पहली सेमी-हाईस्पीड मालगाड़ी के साल के अंत तक चलने की उम्मीद
punjabkesari.in Friday, May 27, 2022 - 08:56 PM (IST)
चेन्नई, 27 मई (भाषा) देश की पहली सेमी-हाईस्पीड मालगाड़ी के दिसंबर तक चलने की उम्मीद है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
वंदे भारत ट्रेनों की परिकल्पना का अनुसरण करने वाली 16 डिब्बों की ‘गति शक्ति’ ट्रेन 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकती है और चेन्नई स्थिति सवारी डिब्बा कारखाना (आईसीएफ) में इसका निर्माण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री गति शक्ति पहल को एक केंद्रित तरीके से लागू करने के लिए रेलवे ने महत्वाकांक्षी योजना में तेजी लाने के लिए खुर्दा, बिलासपुर, दिल्ली और बेंगलुरु मंडलों में अपनी शाखाओं के साथ रेलवे बोर्ड में एक अलग निदेशालय बनाया है।
आईसीएफ के महाप्रबंधक ए के अग्रवाल ने कहा, “इन ट्रेनों के लिए डिजाइन का काम पहले ही शुरू हो चुका है। हमने सामग्री के लिये भी ऑर्डर दे दिया है…इस साल दिसंबर तक हम ऐसी दो ट्रेन बना पाएंगे।”
अग्रवाल ने कहा कि कुल मिलाकर ऐसी 25 ट्रेनों का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि अंतिम तौर पर ट्रेनों की कुल संख्या इस पर निर्भर करेगी कि शुरुआती ट्रेनों को बाजार से कैसी प्रतिक्रिया मिलती है।
अधिकारियों ने कहा कि रेलवे इन ट्रेनों के जरिये ई-कॉमर्स और कूरियर पार्सल खंड पर अपना ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ट्रेन की शुरुआत और अंत में रेफ्रिजरेटेड डिब्बे होंगे जिससे दुग्ध उत्पादों, मछली, फल और सब्जियों जैसे जल्द खराब होने वाले सामान की ढुलाई की जा सकेगी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
वंदे भारत ट्रेनों की परिकल्पना का अनुसरण करने वाली 16 डिब्बों की ‘गति शक्ति’ ट्रेन 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकती है और चेन्नई स्थिति सवारी डिब्बा कारखाना (आईसीएफ) में इसका निर्माण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री गति शक्ति पहल को एक केंद्रित तरीके से लागू करने के लिए रेलवे ने महत्वाकांक्षी योजना में तेजी लाने के लिए खुर्दा, बिलासपुर, दिल्ली और बेंगलुरु मंडलों में अपनी शाखाओं के साथ रेलवे बोर्ड में एक अलग निदेशालय बनाया है।
आईसीएफ के महाप्रबंधक ए के अग्रवाल ने कहा, “इन ट्रेनों के लिए डिजाइन का काम पहले ही शुरू हो चुका है। हमने सामग्री के लिये भी ऑर्डर दे दिया है…इस साल दिसंबर तक हम ऐसी दो ट्रेन बना पाएंगे।”
अग्रवाल ने कहा कि कुल मिलाकर ऐसी 25 ट्रेनों का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि अंतिम तौर पर ट्रेनों की कुल संख्या इस पर निर्भर करेगी कि शुरुआती ट्रेनों को बाजार से कैसी प्रतिक्रिया मिलती है।
अधिकारियों ने कहा कि रेलवे इन ट्रेनों के जरिये ई-कॉमर्स और कूरियर पार्सल खंड पर अपना ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ट्रेन की शुरुआत और अंत में रेफ्रिजरेटेड डिब्बे होंगे जिससे दुग्ध उत्पादों, मछली, फल और सब्जियों जैसे जल्द खराब होने वाले सामान की ढुलाई की जा सकेगी।
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