लताजी भारत की चेतना का हिस्सा थीं: ए आर रहमान

punjabkesari.in Sunday, Feb 06, 2022 - 03:27 PM (IST)

चेन्नई, छह फरवरी (भाषा) मशहूर संगीतकार ए आर रहमान ने सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि वह बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्होंने उनके साथ गाने रिकॉर्ड किए और उनके साथ गाया तथा उनसे रियाज का महत्व सीखा।

मंगेशकर का रविवार सुबह मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थीं। रहमान ने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए बहुत दुखद दिन है। लताजी सिर्फ एक गायिका नहीं थीं, न केवल एक प्रतीक, बल्कि भारत की चेतना, भारतीयता, हिंदुस्तानी संगीत, उर्दू और हिंदी कविता का हिस्सा थीं। उन्होंने कई भाषाओं में गीत गाए। हम सभी के लिए यह खालीपन हमेशा बना रहेगा।’’
रहमान ने कहा कि उनके दिवंगत पिता के बिस्तर के पास मंगेशकर की एक तस्वीर थी और वह उनकी छवि को देखकर जाग जाते थे और रिकॉर्डिंग के लिए जाने से पहले प्रेरणा लेते थे। रहमान के पिता आर के शेखर संगीतकार थे।

रहमान ने अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि वह बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्होंने उनके साथ कुछ गाने रिकॉर्ड किए, उनके साथ गाने गाए तथा उनके शो का हिस्सा बने। संगीतकार ने कहा, ‘‘मुझे इनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण चीज मंच पर प्रस्तुति के बारे में उनसे जानने को मिला।’’
रहमान ने कहा कि मंगेशकर को अपने शो के पहले रियाज करते देख उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला। मंगेशकर ने रहमान के साथ फिल्म ‘दिल से’ के ‘जिया जले’ और ‘रंग दे बसंती’ के ‘लुका छुपी’ जैसे गीतों में काम किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि उनके गीतों से सैकड़ों और हजारों गायक प्रेरित हुए हैं। हम बस इतना कर सकते हैं कि इस किंवदंती से सीखें। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’’


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PTI News Agency

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