पोंगल की पूर्व संध्या पर तमिलनाडु में भोगी त्यौहार मनाया गया
punjabkesari.in Thursday, Jan 13, 2022 - 06:09 PM (IST)
चेन्नई, 13 जनवरी (भाषा) तमिलनाडु में बृहस्पतिवार को पोंगल की पूर्व संध्या पर ‘‘भोगी’’ उत्सव का आयोजन किया गया और इस अवसर पर जगह जगह अलाव जलाया गया जिससे यहां हल्का से मध्यम कोहरा छाया रहा।
हवाईअड्डा सूत्रों ने बताया कि यहां विमानों का संचालन अप्रभावित रहा । विभिन्न इलाकों में धुंध हल्का था, कुछ स्थानों पर यह मध्यम और इससे कुछ अधिक था जिससे वाहन चालकों को सुबह में कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ा । लोगों का कहना था कि कुछ क्षेत्रों में थोड़ी देर के लिए बूंदा बांदी भी हुयी ।
तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से भोगी से पहले, इसके दौरान और इसके बाद कराये जाने वाले व्यापक वायु गुणवत्ता सर्वेक्षण से चेन्नई शहर में प्रदूषण के वास्तविक स्तर की जानकारी मिलेगी ।
इस त्यौहार की परंपरा के अनुसार, लोग सुबह में अपने घरों के सामने अलाव जलाते हैं और युवा ढोल बजाते हैं ।
उत्सव पोंगल की पूर्व संध्या पर नई आकांक्षाओं, आशा और एक नई शुरुआत तथा तमिल महीने, ‘थाई’ की शुरुआत का प्रतीक है।
त्योहार की शुरुआत के बारे में जाने-माने पुरातत्वविद् एस रामचंद्रन ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भोगी की शुरुआत प्राचीन काल में हुई थी और इसका पता भगवान बलराम की पूजा और हल से भी लगाया जा सकता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लोगों से पर्यावरण की रक्षा के लिए टायर या प्लास्टिक जैसी वस्तुओं को नहीं जलाने की अपील की थी।
तमिलनाडु के पर्यावरण मंत्री शिव वी मयनाथन ने एक बयान में कहा कि हमारे पूर्वज पोंगल त्योहार से पहले पारंपरिक रूप से नकारात्मक विचारों को त्यागकर और सकारात्मक विचारों के अपनाने के प्रतीक भोगी त्योहार मनाते थे ।
उन्होंने बुधवार को कहा था कि पुराने दिनों में इस तरह के उत्सवों से प्रदूषण नहीं होता था क्योंकि प्राकृतिक कच्चे माल से बनी चीजों को ही अलाव में रखा जाता था।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
हवाईअड्डा सूत्रों ने बताया कि यहां विमानों का संचालन अप्रभावित रहा । विभिन्न इलाकों में धुंध हल्का था, कुछ स्थानों पर यह मध्यम और इससे कुछ अधिक था जिससे वाहन चालकों को सुबह में कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ा । लोगों का कहना था कि कुछ क्षेत्रों में थोड़ी देर के लिए बूंदा बांदी भी हुयी ।
तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से भोगी से पहले, इसके दौरान और इसके बाद कराये जाने वाले व्यापक वायु गुणवत्ता सर्वेक्षण से चेन्नई शहर में प्रदूषण के वास्तविक स्तर की जानकारी मिलेगी ।
इस त्यौहार की परंपरा के अनुसार, लोग सुबह में अपने घरों के सामने अलाव जलाते हैं और युवा ढोल बजाते हैं ।
उत्सव पोंगल की पूर्व संध्या पर नई आकांक्षाओं, आशा और एक नई शुरुआत तथा तमिल महीने, ‘थाई’ की शुरुआत का प्रतीक है।
त्योहार की शुरुआत के बारे में जाने-माने पुरातत्वविद् एस रामचंद्रन ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भोगी की शुरुआत प्राचीन काल में हुई थी और इसका पता भगवान बलराम की पूजा और हल से भी लगाया जा सकता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लोगों से पर्यावरण की रक्षा के लिए टायर या प्लास्टिक जैसी वस्तुओं को नहीं जलाने की अपील की थी।
तमिलनाडु के पर्यावरण मंत्री शिव वी मयनाथन ने एक बयान में कहा कि हमारे पूर्वज पोंगल त्योहार से पहले पारंपरिक रूप से नकारात्मक विचारों को त्यागकर और सकारात्मक विचारों के अपनाने के प्रतीक भोगी त्योहार मनाते थे ।
उन्होंने बुधवार को कहा था कि पुराने दिनों में इस तरह के उत्सवों से प्रदूषण नहीं होता था क्योंकि प्राकृतिक कच्चे माल से बनी चीजों को ही अलाव में रखा जाता था।
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