तमिलनाडु के पूर्व मंत्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज

punjabkesari.in Tuesday, Oct 19, 2021 - 09:21 AM (IST)

चेन्नई, 18 अक्टूबर (भाषा) सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने सोमवार को पिछली अन्नाद्रमुक सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सी विजयभास्कर के खिलाफ 27.22 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया।


अन्नाद्रमुक ने इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि यह द्रमुक सरकार द्वारा राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई का एक और उदाहरण है।

विजयभास्कर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक की संपत्ति के मामले का सामना करने वाले पिछली अन्नाद्रमुक सरकार के चौथे पूर्व मंत्री हैं।


विजयभास्कर और उनकी पत्नी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ भ्रष्टाचार रोधी अधिकारियों ने तमिलनाडु के सात जिलों में 50 ठिकानों पर छापे मारे। जिन स्थानों पर छापे मारे गए उनमें विजयभास्कर का आवास और उनके रिश्तेदारों तथा सहयोगियों से जुड़े परिसर भी शामिल हैं।



एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यहां कहा गया कि तलाशी अभियान के दौरान 23.85 लाख रुपये नकद, 10 हार्ड डिस्क और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए। इसमें बताया गया कि जांच अभी जारी है।

इसके साथ ही 4.87 किलोग्राम सोने की वस्तुएं, 136 वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण प्रमाणपत्र और अन्य संपत्ति के दस्तावेजों की “पहचान” हुई है।

प्राथमिकी के मुताबिक, सत्यापन प्रक्रिया के दौरान यह पता चला कि विजयभास्कर ने एक अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2021 के दौरान ज्यादातर संपत्ति अर्जित की।

इसमें कहा गया कि विजयभास्कर की पत्नी रम्या ने एक अपार्टमेंट जैसी संपत्तियों को रखकर, साझेदारी वाली फर्मों, बैंकों, बीमा पॉलिसी आदि में निवेश कर अपने पति को “इरादतन उकसाया”।


इसमें कहा गया कि पूर्व मंत्री ने इस अवधि के दौरान अपने नाम पर और अपनी आश्रित पत्नी के नाम पर 27.22 करोड़ रुपये के आर्थिक संसाधन और संपत्ति अर्जित की, जो कि आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है।


विजयभास्कर के परिवार के सदस्यों द्वारा गठित एक न्यास द्वारा पुदुकोट्टई जिले में स्थापित 13 शैक्षणिक संस्थानों को सूचीबद्ध करते हुए, प्राथमिकी में कहा गया है कि एक ‘वाजिब संदेह’ पैदा हुआ कि इन संस्थानों की स्थापना विजयभास्कर द्वारा इस न्यास की आड़ में ‘गलत तरीके से कमाए गए धन’ का उपयोग करके की गई थी।


प्राथमिकी में कहा गया कि प्रथम दृष्टया मामला बनता है और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और भादंवि की सुसंगत धाराएं लगाई गई हैं।


सतर्कता अधिकारियों ने चेन्नई, चेंगेलपेट, कांचीपुम, कोयम्बटूर, तिरुचिरापल्ली, मदुरै और पुडुकोट्टई जिलों में तलाशी ली गई।


एक सतर्कता अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘प्रत्येक स्थान पर हर दल में सुरक्षा उद्देश्य के लिए तैनात पुलिसकर्मियों के अलावा कम से कम छह कर्मी शामिल हैं।’’ कुल मिलाकर तलाशी अभियान में 250 से अधिक कर्मी शामिल हैं।


यह पूछे जाने पर कि क्या तलाशी के दौरान कोई दस्तावेज या सामग्री जब्त की गई है, अधिकारी ने कहा, “48 स्थानों पर समेकन की प्रक्रिया जारी है।”

मई 2021 में द्रमुक के सत्ता में आने के बाद से के सी वीरमणि, एस पी वेलुमणि और एम आर विजयभास्कर के खिलाफ पहले ही आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले दर्ज किए जा चुके हैं। ये सभी पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार में मंत्री थे।


अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेताओं ओ पनीरसेलवम और के पलानीस्वामी ने इन मामलों और छापों की निंदा करते हुए कहा कि यह राजनीतिक बदले की भावना दर्शाता है और “अस्थायी खुशी” हासिल करने का प्रयास है।


उन्होंने कहा कि द्रमुक सरकार अन्नाद्रमुक के स्वर्ण जयंती समारोह और कार्यकर्ताओं के बीच उल्लास के राज्यव्यापी समारोह को बर्दाश्त नहीं कर सकी। उन्होंने एक बयान में कहा, “अन्नाद्रमुक एक महान संगठन है, जो एक अथाह महासागर के समान है”। उन्होंने कहा कि पार्टी द्रमुक शासन के छापे से नहीं डरेगी।


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