अन्नाद्रमुक ने द्रमुक पर ‘‘भ्रष्टाचार, वसूली और बदले की कार्रवाई’’ में लिप्त होने का आरोप लगाया

punjabkesari.in Thursday, Aug 19, 2021 - 06:49 PM (IST)

चेन्नई, 19 अगस्त (भाषा) विपक्षी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने बृहस्पतिवार को अपने प्रतिद्वंद्वी सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पर ‘‘भ्रष्टाचार, वसूली और बदले की कार्रवाई’’ में लिप्त होने का आरोप लगाया।
अन्नाद्रमुक ने द्रमुक पर उसके नेताओं को निशाना बनाकर कोविड प्रबंधन में अपनी कथित नाकामयाबी को छिपाने का भी आरोप लगाया।

अन्नाद्रमुक के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपने शीर्ष नेताओं ओ पनीरसेल्वम, समन्वयक और संयुक्त समन्वयक के पलानीस्वामी के नेतृत्व में तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की और सरकार के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा।
पार्टी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ज्ञापन में सत्तारूढ़ द्रमुक के ‘‘सरकारी तंत्र के दुरुपयोग’’ और इसके ‘‘भ्रष्टाचार, वसूली और बदले की कार्रवाई ’’ का विवरण दिया गया है।

बाद में यहां पत्रकारों से बात करते हुए पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि द्रमुक सरकार ने महामारी की स्थिति को ठीक से नहीं संभाला और ‘‘इसे छिपाने’’ के लिए उनकी पार्टी के नेताओं को ‘‘झूठे मामलों’’ में फंसाने सहित विभिन्न कृत्यों का सहारा ले रही थी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘द्रमुक सरकार सभी मोर्चो पर हार गई है और सत्तारूढ़ दल के सदस्य घोटालों में लिप्त हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार महामारी को रोकने में असमर्थ रही है और इसे छिपाने के लिए अन्नाद्रमुक नेताओं, पूर्व मंत्रियों और पदाधिकारियों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं। उनका इरादा भ्रष्टाचार, वसूली और बदले की कार्रवाई करना है।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘द्रमुक की 100 दिन की उपलब्धि ‘‘वसूली’’ है। उन्होंने कहा कि द्रमुक शासन के 100 से अधिक दिनों में, लोगों को चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और इस अवधि के दौरान यह इसकी उपलब्धि है।

गौरतलब है कि छह अप्रैल के चुनावों में अन्नाद्रमुक को पछाड़ने के बाद, एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक ने इस साल सात मई को पदभार ग्रहण किया था और 14 अगस्त को 100 दिन पूरे किए।

वर्ष 2017 में कोडनाडु हत्या और डकैती पर, जिसमें वह पहले ही सत्तारूढ़ द्रमुक पर उन्हें फंसाने की कोशिश करने का आरोप लगा चुके हैं, पलानीस्वामी ने कहा कि मामला अदालत में अपने अंतिम चरण में है, लेकिन सरकार इसकी फिर से जांच करना चाहती थी, यहां तक कि 300 से अधिक गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा है कि मामले में अदालत की अनुमति से जांच जारी है और इसमें कोई ‘राजनीतिक हस्तक्षेप या बदले की कार्रवाई’ नहीं है। स्टालिन ने बुधवार को राज्य विधानसभा को बताया था कि द्रमुक सरकार कोडनाडु मामले पर केवल अपने चुनावी वादे को लागू कर रही है, जिसका उद्देश्य ‘‘असल दोषियों’’ को न्याय के कटघरे में खड़ा करना है।

मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए पलानीस्वामी ने कहा कि इस मामले का द्रमुक के चुनावी वादे से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि यह कानूनी मामला है। उन्होंने पूछा, ‘‘सभी आरोपियों पर केरल में कई मामलों में मामला दर्ज किया गया था और द्रमुक उनके बारे में ‘‘इतनी चिंतित’’ क्यों थी। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को दोषियों को सजा देनी चाहिए न कि उनकी रक्षा करनी चाहिए। यदि सरकार आरोपियों के पक्ष में है तो आशंकाएं है।’’
पलानीस्वामी ने आरोप लगाया, ‘‘यह बदले की राजनीति है क्योंकि वे हमारा सीधे तौर पर सामना नहीं कर पा रहे हैं।’’


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