अदालत ने शिक्षा को लेकर दोषी की ललक से प्रभावित होकर उसे समय पूर्व रिहा करने की अनुशंसा की

punjabkesari.in Friday, Jul 23, 2021 - 09:17 PM (IST)

चेन्नई, 23 जुलाई (भाषा) तमिलनाडु में हत्या के मामले में एक कैदी ने 17 साल के अपने कारावास के दौरान कई शैक्षणिक योग्यताएं अर्जित कीं, जिससे प्रभावित होकर मद्रास उच्च न्यायालय ने उसे समय से पहले रिहा करने की अनुशंसा की है। अदालत ने कहा कि ज्ञान का बाहर की दुनिया में इस्तेमाल किया जाना चाहिये।

रोजा वेंकटेश उर्फ वेंकटेश दूसरे समुदाय के व्यक्ति की हत्या के लिये पुजाल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसे 2001 में 21 साल की उम्र में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था। सत्रह साल जेल में काटने के बाद उसने एक फरवरी 2018 के सरकारी आदेश अनुसार समय पूर्व रिहाई के लिये आवेदन किया था। इस आदेश में कहा गया था कि 10 वर्ष जेल में काट चुका व्यक्ति समय पूर्व रिहाई के लिये आवेदन कर सकता है।

हाल में जब यह मामला सुनवाई के लिये अदालत के समक्ष आया तो न्यायमूर्ति एन किरुबाकरन और न्यायमूर्ति वेलमुरुगन की पीठ कारावास की अवधि के दौरान दोषी द्वारा अर्जित की गई शैक्षिक योग्यताओं से प्रभावित हुई।

जब पीठ को बताया गया कि जघन्य अपराध करने वाले वेंकटेश ने कंप्यूटर एप्लीकेशन, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, और क्रिमिनोलॉजी एंड क्रिमिनल जस्टिस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स के अलावा पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातकोत्तर डिग्री और व्यावसायिक डिप्लोमा सहित विभिन्न डिग्री प्राप्त की हैं, तो न्यायाधीश चकित रह गए। उन्होंने कहा कि दोषी ने जेल के अंदर जो शिक्षा हासिल की है, बाहरी दुनिया में उसका इस्तेमाल किया जाना चाहिये।

इसके अलावा, जेल के रिकॉर्ड से पता चलता है कि उसका व्यवहार संतोषजनक रहा है। उसके खिलाफ एकमात्र आधार यह था कि उसने दूसरे समुदाय के एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी और इसलिए, कुछ धार्मिक दुश्मनी अभी भी बनी रह सकती है।

पीठ ने गृह विभाग से सिफारिश की वह याचिकाकर्ता की समय पूर्व रिहाई की अपील पर विचार करे।



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PTI News Agency

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