अपराधियों को रिहा करने के उप्र के फैसले के बाद कारागार महानिदेशक के खिलाफ अवमानना मामला बंद

punjabkesari.in Friday, Jan 27, 2023 - 08:58 PM (IST)

नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के कारागार महानिदेशक (डीजी-जेल) के खिलाफ अवमानना का एक मामला शुक्रवार को उस वक्त बंद कर दिया जब राज्य सरकार ने राज्य की जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कई दोषियों की समय-पूर्व रिहाई के अपने फैसले से उसे अवगत कराया।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 20 जनवरी को डीजी-जेल को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया था कि क्यों न उसके आदेशों के कथित उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की जाए। न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अपराधियों की समय-पूर्व रिहाई की याचिका पर तीन महीने के भीतर फैसला करने का निर्देश दिया था।
पीठ ने मामले की सुनवाई जैसे ही शुरू की राज्य सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा कि बड़ी संख्या में दोषियों की समय-पूर्व रिहाई का आदेश देने का फैसला लिया गया है, जो इस गणतंत्र दिवस पर रिहाई के हकदार थे।

उन्होंने शीर्ष अदालत से अवमानना ​​याचिका का निपटारा करने का आग्रह किया।

पीठ ने एएजी की दलीलों पर ध्यान दिया और अवमानना याचिका का निस्तारण किया।

उत्तर प्रदेश सरकार की 2018 की नीति के अनुसार, आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक दोषी को समय से पहले रिहा करने पर विचार किया जाएगा, यदि उसने 16 साल की वास्तविक सजा और चार साल की छूट अर्थात् कुल 20 साल की सजा काट ली है।

शीर्ष अदालत ने इसी साल पांच जनवरी को इसी तरह की एक अन्य याचिका पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के कारागार महानिदेशक से कहा था कि वह अपनी व्यक्तिगत हैसियत से एक हलफनामा दायर करें, जिसमें दोषियों को न्यायालय के पूर्व के निर्णय के अनुसरण में छूट का लाभ देने के लिए अब तक उठाए गए कदमों का ब्योरा दिया गया हो।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News