राणा अय्यूब के खिलाफ ईडी मामला : गाजियाबाद अदालत को 31 जनवरी तक सुनवाई स्थगित रखने का निर्देश

punjabkesari.in Wednesday, Jan 25, 2023 - 06:07 PM (IST)

नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए अदालत से पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ धन शोधन से जुड़े मामले की 27 जनवरी को निर्धारित सुनवाई, 31 जनवरी के बाद की तारीख तक स्थगित करने के लिए बुधवार को कहा।

राणा अय्यूब ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती दी है। अदालत ने उन्हें 27 जनवरी को पेश होने को कहा है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह राणा की याचिका पर 31 जनवरी को सुनवाई करेगी।

अय्यूब की ओर से पेश अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने अदालत को बताया था कि गाजियाबाद की विशेष अदालत ने याचिकाकर्ता को 27 दिसंबर को तलब किया है।

न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा, ‘‘ मामले को 31 जनवरी के लिए सूचीबद्ध करें। इस बीच गाजियाबाद विशेष अदालत से मामले की सुनवाई स्थगित करने और 27 जनवरी को निर्धारित सुनवाई को 31 जनवरी के बाद की तारीख पर रखने का आग्रह किया जाता है।’’
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह आदेश इसलिए पारित किया गया है क्योंकि समय की कमी के कारण अय्यूब की याचिका पर बुधवार से पहले सुनवाई नहीं की जा सकती।

सुनवाई की शुरुआत में, पीठ ने सवाल किया कि याचिका सीधे सर्वोच्च अदालत में क्यों दायर की गई।
ग्रोवर ने क्षेत्राधिकार का मुद्दा उठाया और कहा कि इस मामले में शिकायत उत्तर प्रदेश की अदालत में दायर नहीं की जा सकती क्योंकि कथित अपराध का कोई हिस्सा इस राज्य से संबंधित नहीं है।

पीठ ने सवाल किया कि क्या उच्च न्यायालय यह तय करने के लिए शक्तिहीन है और उच्च न्यायालय इस प्रश्न पर क्यों नहीं विचार करता।
ग्रोवर ने कहा कि पूरी जांच के दौरान अय्यूब को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया और न ही अपराध को लेकर कोई आरोपपत्र दायर किया गया है। उन्होंने कहा कि अय्यूब को इस सिलसिले में कभी बुलाया भी नहीं गया था।

ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से अनुरोध को स्वीकार नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि अय्यूब द्वारा शिकायत को रिकॉर्ड पर नहीं रखा गया है।

मेहता ने दलील दी, "यह सबसे गंभीर मामला है। यह लोगों से चंदा लेने का मामला है। यह एक नया औजार है।"
जब ग्रोवर ने अय्यूब को कुछ अंतरिम सुरक्षा दिए जाने का अनुरोध किया तो मेहता ने जवाब दिया, "अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करें। हर कोई अग्रिम जमानत दाखिल करता है। कानून की नजर में हर वादी एक समान है।"
पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई अगले सप्ताह करेगी और कोई अंतरिम आदेश पारित करने के बजाय, वह संबंधित अदालत से 27 जनवरी की कार्यवाही स्थगित करने का अनुरोध करेगी।

अय्यूब ने अपनी रिट याचिका में अधिकार क्षेत्र के बाहर कार्रवाई करने का हवाला देते हुए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गाजियाबाद में शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने का अनुरोध किया है, क्योंकि धन शोधन का कथित अपराध मुंबई में हुआ था।

गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए अदालत ने पिछले साल 29 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर अभियोजन शिकायत का संज्ञान लिया था और अय्यूब को तलब किया था।

प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल 12 अक्टूबर को अय्यूब के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें उन पर लोगों को धोखा देने और अपनी निजी संपत्ति बनाने के लिए 2.69 करोड़ रुपये के ‘चैरिटी फंड’ (परमार्थ निधि) का इस्तेमाल करने तथा विदेशी चंदा कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।



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