देश की अखंडता के लिए हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं को जीवित रखना जरूरी: एनएचआरसी प्रमुख
punjabkesari.in Saturday, Jan 21, 2023 - 09:58 AM (IST)
नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि “देश की सांस्कृतिक एकता और अखंडता” के लिए दैनिक जीवन में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देकर उन्हें जीवित रखना आवश्यक है।
मिश्रा सितंबर 2022 में हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के 33 विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करने के लिए यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि किसी देश की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में भाषाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
उन्होंने कहा इसलिए, देश की सांस्कृतिक एकता और अखंडता के लिए हमारे दैनिक जीवन में उनके उपयोग को बढ़ावा देकर हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं को जीवित रखना आवश्यक है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मिश्रा सितंबर 2022 में हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के 33 विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करने के लिए यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि किसी देश की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में भाषाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
उन्होंने कहा इसलिए, देश की सांस्कृतिक एकता और अखंडता के लिए हमारे दैनिक जीवन में उनके उपयोग को बढ़ावा देकर हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं को जीवित रखना आवश्यक है।
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