अदालत ने अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी और संबंधियों को समन जारी किए
punjabkesari.in Thursday, Dec 08, 2022 - 04:59 PM (IST)
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतपे के पूर्व प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी को बृहस्पतिवार को समन जारी किए। ये समन भारतपे की उस याचिका पर जारी किए गए हैं जिनमें ग्रोवर और उनकी पत्नी को कंपनी के खिलाफ मानहानि वाले बयान देने से रोकने का आग्रह किया गया है।
भारतपे ने ग्रोवर और उनकी पत्नी पर कोष में हेराफेरी करने के आरोप लगाए हैं।
उच्च न्यायालय ने ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन और तीन अन्य संबंधियों को याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया है। मामले पर अगली सुनवाई जनवरी 2023 को होगी।
कंपनी ने अपनी याचिका में मांग की है कि कोष में कथित हेरफेर की वसूली और इसके ब्याज समेत कंपनी की प्रतिष्ठा को पहुंचे नुकसान के एवज में ग्रोवर, जैन तथा तीन अन्य को ब्याज समेत 88.67 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने का निर्देश दिया जाए।
इसमें कंपनी ने प्रतिवादियों को उनकी परिसंपत्तियों का खुलासा करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया है।
ग्रोवर ने मार्च में कंपनी से इस्तीफा दे दिया था जबकि उनकी पत्नी को पद से हटाया गया था।
भारतपे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सुनवाई के दौरान कहा कि ग्रोवर, जैन तथा उनके अन्य संबंधी कंपनी के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने अदालत को वे ट्वीट भी दिखाए जो प्रतिवादियों ने कंपनी से अलग होने के बाद किए।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
भारतपे ने ग्रोवर और उनकी पत्नी पर कोष में हेराफेरी करने के आरोप लगाए हैं।
उच्च न्यायालय ने ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन और तीन अन्य संबंधियों को याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया है। मामले पर अगली सुनवाई जनवरी 2023 को होगी।
कंपनी ने अपनी याचिका में मांग की है कि कोष में कथित हेरफेर की वसूली और इसके ब्याज समेत कंपनी की प्रतिष्ठा को पहुंचे नुकसान के एवज में ग्रोवर, जैन तथा तीन अन्य को ब्याज समेत 88.67 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने का निर्देश दिया जाए।
इसमें कंपनी ने प्रतिवादियों को उनकी परिसंपत्तियों का खुलासा करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया है।
ग्रोवर ने मार्च में कंपनी से इस्तीफा दे दिया था जबकि उनकी पत्नी को पद से हटाया गया था।
भारतपे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सुनवाई के दौरान कहा कि ग्रोवर, जैन तथा उनके अन्य संबंधी कंपनी के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने अदालत को वे ट्वीट भी दिखाए जो प्रतिवादियों ने कंपनी से अलग होने के बाद किए।
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