वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट हरित ऊर्जा की पारेषण प्रणाली बनाने की शुरुआत
punjabkesari.in Wednesday, Dec 07, 2022 - 08:18 PM (IST)
नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) सरकार ने वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन पर आधारित 500 गीगावाट बिजली के पारेषण के लिए एक प्रणाली बनाने की योजना बुधवार को शुरू की।
बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस योजना के तहत पारेषण सेवा प्रदाताओं को लगभग 2.44 लाख करोड़ रुपये के निवेश अवसर मिलेंगे।
बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने यहां योजना की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि सरकार वर्ष 2030 तक लक्षित हरित ऊर्जा क्षमता हासिल करने के पहले पारेषण प्रणाली को तैयार करने पर जोर दे रही है। इससे हरित ऊर्जा की आपूर्ति किसी देरी के बगैर सुगमता से की जा सकेगी।
बयान के मुताबिक, इस समय भारत की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 409 गीगावाट है, जिसमें से 173 गीगावाट यानी लगभग 42 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से पैदा होती है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस योजना के तहत पारेषण सेवा प्रदाताओं को लगभग 2.44 लाख करोड़ रुपये के निवेश अवसर मिलेंगे।
बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने यहां योजना की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि सरकार वर्ष 2030 तक लक्षित हरित ऊर्जा क्षमता हासिल करने के पहले पारेषण प्रणाली को तैयार करने पर जोर दे रही है। इससे हरित ऊर्जा की आपूर्ति किसी देरी के बगैर सुगमता से की जा सकेगी।
बयान के मुताबिक, इस समय भारत की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 409 गीगावाट है, जिसमें से 173 गीगावाट यानी लगभग 42 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से पैदा होती है।
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