लोकतंत्र में चुनाव की अपनी शुचिता होती है, इसकी प्रक्रिया रोकी नहीं जा सकती: न्यायालय
punjabkesari.in Wednesday, Dec 07, 2022 - 07:24 PM (IST)
नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र में चुनावों की अपनी शुचिता होती है और इसकी प्रक्रिया रोकी नहीं जा सकती।
उत्तर प्रदेश की रामपुर सदर विधानसभा सीट पर पांच दिसंबर को उपचुनाव के दौरान मतदाताओं को पुलिस द्वारा पीटे जाने और उन्हें घरों से बाहर नहीं निकलने देने का एक वकील ने आरोप लगाया है, जिसपर शीर्ष न्यायालय ने यह टिप्पणी की।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने व्यक्तिगत रूप से पेश हुए वकील से कहा कि विषय को बृहस्पतिवार सुबह उल्लेखित किया जाए।
न्यायालय ने वकील से कहा, ‘‘देखिये, लोकतंत्र में चुनाव का अपना महत्व है और इसकी प्रक्रिया नहीं रोकी जा सकती।’’ उक्त वकील ने खुद को पुलिस उत्पीड़न का चश्मदीद बताया है क्योंकि वह उसी विधानसभा क्षेत्र के मतदाता हैं।
वकील ने कहा, ‘‘एक असाधारण परिस्थिति है, जो दो दिन पहले रामपुर सदर में उपचुनाव के दौरान पैदा हुई थी। मतदाताओं को पीटा गया और उन्हें अपने घरों के अंदर ही रहने को मजबूर किया गया, ताकि वे मतदान नहीं करें। यहां तक कि पुलिसकर्मियों के साथ झड़प में मैं भी घायल हो गया।’’
पीठ ने वकील से मतदान और मतगणना का दिन पूछा।
वकील ने जब कहा कि मतगणना बृहस्पतिवार को होनी है, न्यायालय ने कहा, ‘‘माफ कीजिए, हम इस तरह का आदेश जारी नहीं कर सकते। आपकी याचिका कहां है?आप कल सुबह विषय का उल्लेख करिये।’’
रामपुर सदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 33.94 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच मुख्य मुकाबला है। दोनों दलों ने एक दूसरे पर चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उत्तर प्रदेश की रामपुर सदर विधानसभा सीट पर पांच दिसंबर को उपचुनाव के दौरान मतदाताओं को पुलिस द्वारा पीटे जाने और उन्हें घरों से बाहर नहीं निकलने देने का एक वकील ने आरोप लगाया है, जिसपर शीर्ष न्यायालय ने यह टिप्पणी की।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने व्यक्तिगत रूप से पेश हुए वकील से कहा कि विषय को बृहस्पतिवार सुबह उल्लेखित किया जाए।
न्यायालय ने वकील से कहा, ‘‘देखिये, लोकतंत्र में चुनाव का अपना महत्व है और इसकी प्रक्रिया नहीं रोकी जा सकती।’’ उक्त वकील ने खुद को पुलिस उत्पीड़न का चश्मदीद बताया है क्योंकि वह उसी विधानसभा क्षेत्र के मतदाता हैं।
वकील ने कहा, ‘‘एक असाधारण परिस्थिति है, जो दो दिन पहले रामपुर सदर में उपचुनाव के दौरान पैदा हुई थी। मतदाताओं को पीटा गया और उन्हें अपने घरों के अंदर ही रहने को मजबूर किया गया, ताकि वे मतदान नहीं करें। यहां तक कि पुलिसकर्मियों के साथ झड़प में मैं भी घायल हो गया।’’
पीठ ने वकील से मतदान और मतगणना का दिन पूछा।
वकील ने जब कहा कि मतगणना बृहस्पतिवार को होनी है, न्यायालय ने कहा, ‘‘माफ कीजिए, हम इस तरह का आदेश जारी नहीं कर सकते। आपकी याचिका कहां है?आप कल सुबह विषय का उल्लेख करिये।’’
रामपुर सदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 33.94 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच मुख्य मुकाबला है। दोनों दलों ने एक दूसरे पर चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Shukrawar Upay: कुंडली में शुक्र है कमजोर तो कर लें ये उपाय, कष्टों से मिलेगा छुटकारा
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका की टिप्पणी पर जयशंकर ने दिया कड़ा जवाब , कहा- भारत में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी