कतर में हिरासत में लिये गये भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों की रिहाई सुनिश्चित हो: कांग्रेस सांसद
punjabkesari.in Wednesday, Dec 07, 2022 - 06:33 PM (IST)
नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) लोकसभा में कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी ने बुधवार को कहा कि कतर में हिरासत में लिये गये भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की सुरक्षित रिहाई होनी चाहिए।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान तिवारी ने कहा कि भारतीय नौसेना के आठ सेवानिवृत्त अधिकारी काफी समय से कतर में हिरासत में हैं और अभी तक यह भी पता नहीं है कि उनके खिलाफ क्या आरोप हैं।
उन्होंने कहा कि कतर में हिरासत में लिये गए नौसेना के इन पूर्व कर्मियों पर आरोपों के बारे में उनके परिवार को भी नहीं बताया गया है और संभवत: भारतीय दूतावास को भी इसकी जानकारी नहीं है।
तिवारी ने कहा कि 90 दिनों तक इन्हें हिरासत में रखने के बाद अदालत में पेश किये जाने पर इनकी हिरासत 30 दिन और बढ़ा दी गई।
कांग्रेस सांसद ने सरकार से मांग की कि वह कतर सरकार से सम्पर्क करे और इनकी सुरक्षित रिहाई कराये।
इस मामले में विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि यह बेहद ही ‘‘संवेदनशील’’ मामला है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि उनकी सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। हम इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। हमारे राजदूत और अधिकारी कतर की सरकार के लगातार संपर्क में हैं।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास स्पष्ट रूप से यह सुनिश्चित करने का है कि उनके साथ अनुचित व्यवहार न किया जाए और जल्द से जल्द हम उन्हें वापस ला सकें।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान तिवारी ने कहा कि भारतीय नौसेना के आठ सेवानिवृत्त अधिकारी काफी समय से कतर में हिरासत में हैं और अभी तक यह भी पता नहीं है कि उनके खिलाफ क्या आरोप हैं।
उन्होंने कहा कि कतर में हिरासत में लिये गए नौसेना के इन पूर्व कर्मियों पर आरोपों के बारे में उनके परिवार को भी नहीं बताया गया है और संभवत: भारतीय दूतावास को भी इसकी जानकारी नहीं है।
तिवारी ने कहा कि 90 दिनों तक इन्हें हिरासत में रखने के बाद अदालत में पेश किये जाने पर इनकी हिरासत 30 दिन और बढ़ा दी गई।
कांग्रेस सांसद ने सरकार से मांग की कि वह कतर सरकार से सम्पर्क करे और इनकी सुरक्षित रिहाई कराये।
इस मामले में विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि यह बेहद ही ‘‘संवेदनशील’’ मामला है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि उनकी सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। हम इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। हमारे राजदूत और अधिकारी कतर की सरकार के लगातार संपर्क में हैं।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास स्पष्ट रूप से यह सुनिश्चित करने का है कि उनके साथ अनुचित व्यवहार न किया जाए और जल्द से जल्द हम उन्हें वापस ला सकें।’’
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