मेट्रो से कारों की संख्या नहीं घटेगी, सिंगापुर जैसे उपाय से यह संभव हो सकता है : न्यायालय
punjabkesari.in Tuesday, Nov 29, 2022 - 08:50 PM (IST)
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय मंगलवार को मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) की इस दलील से सहमति नहीं हुआ कि मेट्रो नागरिकों को कारों का इस्तेमाल नहीं करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि यह सही ‘निष्कर्ष’ नहीं है और कारों को सिंगापुर की तरह "महंगा" बनाना इस संबंध में कारगर हो सकता है।
मीडिया की खबरों के अनुसार सिंगापुर में कार खरीदना एक महंगा सौदा है और संभावित खरीदार को बोली लगाकर पात्रता प्रमाणपत्र (सीओई) प्राप्त करना होता है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने एमएमआरसीएल को अपनी ‘कार शेड’ के लिए मुंबई की आरे कॉलोनी में 84 पेड़ों को काटने के लिए संबंधित प्राधिकरण के साथ अपनी याचिका को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी।
एमएमआरसीएल की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान मेट्रो रेल परियोजना के लाभों और प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि कम वाहनों के आवागमन से कार्बन उत्सर्जन में कमी होगी।
उन्होंने कहा कि 13 लाख से अधिक यात्री मेट्रो से यात्रा कर सकते हैं और इससे कारों की संख्या, ईंधन की खपत और वायु प्रदूषण में कमी आ सकती है, उन्होंने कहा कि हर दिन मुंबई में ट्रेन दुर्घटनाओं में नौ लोगों की मौत हो जाती है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "कारों की वृद्धि दर बढ़ती रहेगी। लोग कार रखेंगे। देखें कि दिल्ली में क्या हुआ... यह निष्कर्ष कि लोग कार चलाना बंद कर देंगे, ईंधन की खपत कम हो जाएगी। इससे मदद नहीं मिलेगी। कमी तब आती है जब आप सिंगापुर जैसा कुछ कदम उठाते हैं - कारों को काफी महंगा बना कर।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मीडिया की खबरों के अनुसार सिंगापुर में कार खरीदना एक महंगा सौदा है और संभावित खरीदार को बोली लगाकर पात्रता प्रमाणपत्र (सीओई) प्राप्त करना होता है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने एमएमआरसीएल को अपनी ‘कार शेड’ के लिए मुंबई की आरे कॉलोनी में 84 पेड़ों को काटने के लिए संबंधित प्राधिकरण के साथ अपनी याचिका को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी।
एमएमआरसीएल की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान मेट्रो रेल परियोजना के लाभों और प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि कम वाहनों के आवागमन से कार्बन उत्सर्जन में कमी होगी।
उन्होंने कहा कि 13 लाख से अधिक यात्री मेट्रो से यात्रा कर सकते हैं और इससे कारों की संख्या, ईंधन की खपत और वायु प्रदूषण में कमी आ सकती है, उन्होंने कहा कि हर दिन मुंबई में ट्रेन दुर्घटनाओं में नौ लोगों की मौत हो जाती है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "कारों की वृद्धि दर बढ़ती रहेगी। लोग कार रखेंगे। देखें कि दिल्ली में क्या हुआ... यह निष्कर्ष कि लोग कार चलाना बंद कर देंगे, ईंधन की खपत कम हो जाएगी। इससे मदद नहीं मिलेगी। कमी तब आती है जब आप सिंगापुर जैसा कुछ कदम उठाते हैं - कारों को काफी महंगा बना कर।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।