न्यायालय में याचिका दायर कर शाजिया इल्मी ने गुजारा भत्ता के लिए समान संहिता का अनुरोध किया

punjabkesari.in Friday, Sep 30, 2022 - 08:38 PM (IST)

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता शाज़िया इल्मी ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर गुजारा भत्ता और भरण-पोषण के लिए एक मानकीकृत एकसमान सामान्य संहिता (यूसीसी) तैयार करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया।
याचिका के अनुसार एकसमान सामान्य संहिता तैयार होने पर, विभिन्न धर्मों द्वारा निर्धारित व्यक्तिगत कानूनों में विविधता के कारण सामने आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकेगा।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की पीठ ने याचिका को एक लंबित याचिका के साथ नत्थी कर दिया किया जिसमें संविधान और अंतरराष्ट्रीय समझौतों सम्मेलनों की भावना को ध्यान में रखते हुए सभी नागरिकों को भरण-पोषण और गुजारा भत्ता प्रदान करने के लिए "लिंग और धर्म-निरपेक्ष " प्रणाली का अनुरोध किया गया है।

वकील स्नेहा कालिता के जरिए दायर इल्मी की याचिका में विधि आयोग को मौजूदा व्यक्तिगत (पर्सनल) कानूनों में "विसंगतियों" की जांच करने तथा गुजारा भत्ता पर एकसमान संहिता बनाने के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

इल्मी ने अपनी याचिका में कहा कि हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और पारसी समुदायों में पर्सनल लॉ (संहिताबद्ध और गैर-संहिताबद्ध दोनों) के कई सेट हैं, इसलिए गुजारा भत्ता के आधार भी अलग-अलग हैं।

उच्चतम न्यायालय ने पांच सितंबर को तलाक, गोद लेने, संरक्षण, उत्तराधिकार, विरासत, भरण-पोषण, विवाह की उम्र और गुजारा भत्ता के लिए एक समान और धर्म एवं लिंग के लिहाज से तटस्थ कानून बनाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर केंद्र से तीन सप्ताह के भीतर ‘व्यापक जवाब’ मांगा था।


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PTI News Agency

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