कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए अधिसूचना जारी, राहुल ने वैचारिक नजरिये और ‘एक व्यक्ति, एक पद’ पर जोर दिया

punjabkesari.in Thursday, Sep 22, 2022 - 07:51 PM (IST)

नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 22 साल बाद चुनावी मुकाबले की प्रबल संभावना के बीच बृहस्पतिवार को अधिसूचना जारी कर दी गई और इसी के साथ चुनावी प्रक्रिया आरंभ हो गई।
इस चुनावी हलचल के बीच, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के प्रमुख का पद ‘वैचारिक’ है और जो भी इस जिम्मेदारी को संभालता है, उसे यह याद रखना चाहिए कि वह भारत के एक नजरिये का प्रतिनिधित्व करेगा।
राहुल गांधी पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि वह इस चुनाव से दूर रहेंगे।
उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि ‘उदयपुर चिंतन शिविर’ में तय हुई ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की व्यवस्था पर पूरी तरह अमल किया जाएगा। इससे एक दिन पहले ही, कांग्रेस अध्यक्ष पद के एक संभावित उम्मीदवार के रूप में देखे जा रहे अशोक गहलोत ने यह संकेत दिया था कि वह अध्यक्ष पद और राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद दोनों संभाल सकते हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की इस ताजा टिप्पणी से इसकी संभावना बढ़ गई है कि कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने पर गहलोत को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है, हालांकि इसको लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई कि उनके हटने पर सचिन पायलट मुख्यमंत्री होंगे या फिर गहलोत की पसंद का ही कोई नेता इस जिम्मेदारी को संभालेगा।
कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की ओर से अधिसूचना जारी होने के साथ ही देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल के सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाले व्यक्ति को चुनने की प्रक्रिया औपचारिक रूप से आरंभ हो गई।

पार्टी के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता वाले केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की ओर से यह अधिसूचना जारी की गई।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, अधिसूचना जारी होने के बाद अब नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे।

अधिसूचना जारी होने से एक दिन पहले बुधवार को, राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत और पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के चुनावी समर में उतरने का स्पष्ट संकेत देने के बाद यह संभावना प्रबल हो गई है कि 22 साल बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी का प्रमुख चुनाव के जरिये चुना जाएगा।

वर्ष 2000 में सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ था जिसमें प्रसाद को करारी शिकस्त मिली थी। इससे पहले, 1997 में सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला हुआ था जिसमें केसरी जीते थे।

गहलोत ने बुधवार को कहा था कि वह पार्टी का फैसला मानेंगे, लेकिन उससे पहले राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने के लिए मनाने का एक आखिरी प्रयास करेंगे।

दूसरी तरफ, पहले से ही चुनाव लड़ने का संकेत दे रहे लोकसभा सदस्य थरूर ने बुधवार को कांग्रेस के मुख्यालय में पहुंचकर पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री से मुलाकात की थी और नामांकन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल की थी।
कुछ अन्य नेताओं के भी चुनावी मैदान में उतरने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी भी चुनाव लड़ने की संभावना पर विचार कर रहे हैं, हालांकि उन्होंने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें उदयपुर चिंतन शिविर में लिये गये ‘एक व्यक्ति, एक पद’ समेत सभी फैसलों का अनुसरण किये जाने की उम्मीद है।

‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रहे राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का पद सिर्फ एक संगठनात्मक पद नहीं है, बल्कि यह एक वैचारिक पद और एक विश्वास प्रणाली है।

उनका यह भी कहना था कि जो कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष बनता है, उन्हें याद रखना चाहिए कि वह विचारों के एक समूह, विश्वास की एक व्यवस्था और भारत के एक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करते हैं।

फिलहाल अशोक गहलोत और थरूर के रूप में दो उम्मीदवारों के होने की संभावना बनने के बीच, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने गहलोत का खुलकर समर्थन किया।

उन्होंने थरूर को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि थरूर ने सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उन्हें पत्र लिखकर उनके (वल्लभ) जैसे कार्यकर्ताओं को कष्ट पहुंचाया है और ऐसे में वह ‘निष्कलंक राजनीतिक जीवन’ वाले गहलोत का चयन करेंगे।



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PTI News Agency

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