फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रोमोटर्स को छह महीने कारावास की सजा
punjabkesari.in Thursday, Sep 22, 2022 - 06:24 PM (IST)
नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मलेशिया की कंपनी आईएचएच हेल्थकेयर को शेयर बेचने से जुड़े मामले में फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के पूर्व प्रोमोटर्स मालविन्दर सिंह और शिविन्दर सिंह को छह-छह महीने कारावास की सजा सुनाई है।
प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने अवमानना के मामले में पहले दोषी ठहराये गये फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रोमोटर्स को छह महीने कारावास की सजा सुनाई।
शीर्ष अदालत ने फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के शेयरों की बिक्री की फॉरेंसिक ऑडिट का भी आदेश दिया।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अब इसकी जिम्मेदारी आदेश का निष्पादन कराने वाली अदालत को सौंपी जाती है।
गौरतलब है कि फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के पूर्व प्रोमोटर्स जापान की एक कंपनी ‘दाइची सानक्यो’ के साथ भी अदालती लड़ाई में उलझे हुए हैं। जापानी कंपनी ने सिंगापुर न्यायाधिकरण में सिंह भाइयों के खिलाफ 3,600 करोड़ रुपये की मध्यस्थता राशि जीती थी और इसे प्राप्त करने के लिए उसने फोर्टिस-आईएचएच शेयर सौदे को चुनौती दी है।
आईएचएच-फोर्टिस सौदा दाइची और सिंह भाइयों के बीच अदालती लड़ाई के कारण अटका हुआ है।
गौरतलब है कि 2018 में जब कुछ भारतीयों ने फोर्टिस हेल्थकेयर के अपने शेयर मलेशिया की कंपनी आईएचएच को बेचे, उसके बाद दाइची अदालत पहुंच गयी। इस जापानी कंपनी का आरोप है कि फोर्टिस के पूर्व प्रोमोटर्स ने उसे आश्वासन दिया था कि भारतीय अस्पताल चेन में उनके शेयर से न्यायाधिकरण द्वारा तय की गई मध्यस्थता राशि का भुगतान हो जाएगा।
फोर्टिस हेल्थकेयर ने एक बयान में कहा, ‘‘हम समझते हैं कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष सुनवाई कुछ निर्देशों के साथ पूरी हो गयी है और स्वत: संज्ञान के साथ शुरू की गई अवमानना की कार्रवाई समाप्त हो गयी है। हम उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करेंगे और भविष्य के कदम को लेकर कानूनी सलाह लेंगें।’’
फोर्टिस ने अपने बयान में कहा, ‘‘हम मरीजों की देखभाल करने के अपने मुख्य लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं और हम अपने हेल्थकेयर नेटवर्क को और विस्तृत तथा मजबूत बनाने के लिए रणनीतिक तथा ऑपरेशनल लक्ष्यों पर ध्यान देना जारी रखेंगे। हम आवश्यकता अनुसार अपने शेयरधारकों को सूचित करते रहेंगे।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने अवमानना के मामले में पहले दोषी ठहराये गये फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रोमोटर्स को छह महीने कारावास की सजा सुनाई।
शीर्ष अदालत ने फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के शेयरों की बिक्री की फॉरेंसिक ऑडिट का भी आदेश दिया।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अब इसकी जिम्मेदारी आदेश का निष्पादन कराने वाली अदालत को सौंपी जाती है।
गौरतलब है कि फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के पूर्व प्रोमोटर्स जापान की एक कंपनी ‘दाइची सानक्यो’ के साथ भी अदालती लड़ाई में उलझे हुए हैं। जापानी कंपनी ने सिंगापुर न्यायाधिकरण में सिंह भाइयों के खिलाफ 3,600 करोड़ रुपये की मध्यस्थता राशि जीती थी और इसे प्राप्त करने के लिए उसने फोर्टिस-आईएचएच शेयर सौदे को चुनौती दी है।
आईएचएच-फोर्टिस सौदा दाइची और सिंह भाइयों के बीच अदालती लड़ाई के कारण अटका हुआ है।
गौरतलब है कि 2018 में जब कुछ भारतीयों ने फोर्टिस हेल्थकेयर के अपने शेयर मलेशिया की कंपनी आईएचएच को बेचे, उसके बाद दाइची अदालत पहुंच गयी। इस जापानी कंपनी का आरोप है कि फोर्टिस के पूर्व प्रोमोटर्स ने उसे आश्वासन दिया था कि भारतीय अस्पताल चेन में उनके शेयर से न्यायाधिकरण द्वारा तय की गई मध्यस्थता राशि का भुगतान हो जाएगा।
फोर्टिस हेल्थकेयर ने एक बयान में कहा, ‘‘हम समझते हैं कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष सुनवाई कुछ निर्देशों के साथ पूरी हो गयी है और स्वत: संज्ञान के साथ शुरू की गई अवमानना की कार्रवाई समाप्त हो गयी है। हम उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करेंगे और भविष्य के कदम को लेकर कानूनी सलाह लेंगें।’’
फोर्टिस ने अपने बयान में कहा, ‘‘हम मरीजों की देखभाल करने के अपने मुख्य लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं और हम अपने हेल्थकेयर नेटवर्क को और विस्तृत तथा मजबूत बनाने के लिए रणनीतिक तथा ऑपरेशनल लक्ष्यों पर ध्यान देना जारी रखेंगे। हम आवश्यकता अनुसार अपने शेयरधारकों को सूचित करते रहेंगे।’’
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