महिला ने दोस्त को इच्छामृत्यु के लिए विदेश जाने से रोकने के संबंध में दायर याचिका वापस ली

punjabkesari.in Thursday, Aug 18, 2022 - 04:13 PM (IST)

नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) बीमारी के कारण इच्छामृत्यु के लिए अपने दोस्त को स्विट्जरलैंड जाने से रोकने के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वाली एक महिला ने बृहस्पतिवार को याचिका वापस ले ली।

याचिकाकर्ता के वकील ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से कहा कि वह ‘‘असमंजस’’ में है और अब वह अपनी याचिका वापस लेना चाहती है जो पिछले सप्ताह दायर की गई थी। वकील ने 49 वर्षीय महिला का बयान पढ़ा, ‘‘मैं इस याचिका को वापस लेना चाहूंगी क्योंकि मुझे पता चला है कि (मेरा दोस्त) इस बारे में सुनकर बहुत आहत हैं। मुझे डर है कि अगर मैं आगे बढ़ती हूं तो इस याचिका को दाखिल करने का उद्देश्य व्यर्थ हो सकता है।’’ अदालत ने महिला को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।

अपनी याचिका में याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि उसके मित्र, जिसकी उम्र 45 से 49 के बीच है और ‘मायलजिक एन्सेफैलोमाइलाइटिस’ बीमरी से पीड़ित है, को ‘‘आव्रजन मंजूरी’’ नहीं दी जाए, क्योंकि वह चिकित्सक की सहायता से मृत्यु की नींद सोना चाहता है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके दोस्त का पूर्व में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उपचार हुआ था, लेकिन ‘‘अंग दाता की उपलब्धता के मुद्दों’’ के कारण महामारी के दौरान यह जारी नहीं रह सका।

वकील सुभाष चंद्रण के आर के जरिए दाखिल याचिका में कहा गया, ‘‘प्रतिवादी संख्या 3 (याचिकाकर्ता के मित्र) को भारत या विदेश में बेहतर उपचार प्रदान करने के लिए कोई वित्तीय बाधा नहीं है। लेकिन, वह अब इच्छामृत्यु के लिए जाने के अपने फैसले पर अडिग है, जो उनके बुजुर्ग माता-पिता के जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। विनम्रतापूर्वक यह निवेदन किया जाता है कि उनकी स्थिति में सुधार की आशा की एक किरण अभी भी कायम है।’’
याचिकाकर्ता ने इस प्रकार आगे केंद्र को एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया, जो उनके दोस्त की चिकित्सा स्थिति की जांच करे और उसे आवश्यक चिकित्सा सहायता भी प्रदान करें, जिसने इलाज कराने के झूठे बहाने बनाकर स्विट्जरलैंड के लिए वीजा प्राप्त किया है।

याचिका में कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता विनम्रतापूर्वक यह प्रार्थना करती है कि यह माननीय न्यायालय प्रतिवादी संख्या 1 (विदेश मंत्रालय) को प्रतिवादी संख्या 3 को आव्रजन मंजूरी नहीं देने का निर्देश दे सकता है क्योंकि उन्होंने यात्रा अनुमति प्राप्त करने के लिए भारतीय और विदेशी अधिकारियों के सामने झूठे दावे किए थे। प्रतिवादी संख्या 2 (स्वास्थ्य मंत्रालय) को प्रतिवादी संख्या 3 की चिकित्सा स्थिति की जांच करने और उनकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने का निर्देश भी दिया जाए।’’


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PTI News Agency

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