सरकार जलजीवन मिशन के तहत जलस्रोतों की संपोषणीयता के मूल्यांकन के लिए बनाएगी समितियां:अधिकारी

punjabkesari.in Wednesday, Aug 17, 2022 - 10:28 PM (IST)

नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) केंद्र सरकार ने नल-जल योजना के लिए कच्चे पानी की आपूर्ति करने वाले स्रोतों की संपोषणीयता का आकलन करने के लिए जलजीवन मिशन के तहत ‘स्रोत खोज समितियां’ गठित करने की योजना बनायी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
जलशक्ति मंत्रालय की सचिव विनी महाजन ने सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट (सीएसई) द्वारा आयोजित संगोष्ठी में कहा कि सरकार का हर गांव में पांच महिलाओं को क्षेत्रीय परीक्षण किट का उपयोग करने का प्रशिक्षण देने का भी प्रस्ताव है ताकि जलस्रोत में आर्सेनिक, फ्लूराइड या बैक्टेरियाई संदूषण की समस्या न रहे।

देश में 2024 तक नल-जल कनेक्शन के माध्यम से हर ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पानी की आपूर्ति करने के उद्देश्य से अगस्त, 2019 में इस मिशन की घोषणा की गयी थी।
महाजन ने कहा कि 19.11 करोड़ ग्रामीण परिवारों में करीब 10 करोड़ परिवारों को नल-जल कनेक्शन दिया जा चुका है । उन्होंने कहा कि सरकार ने पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए देशभर में 2000 से अधिक प्रयोगशालाएं स्थापित की हैं तथा उनमें से 900 से अधिक एनएबीएल से प्रमाणित हैं।

सचिव ने कहा, ‘‘ हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे है कि हर जिले और उपजिले में एनएबीएल प्रमाणित एक प्रयोगशाला हो ताकि लोग आसानी से वहां जाकर पानी के नमूने की जांच करवा सके।’’
उन्होंने कहा , ‘‘ पानी की गुणवत्ता को लोकाचार का हिस्सा बनाने के लिए .... हम कहते हैं कि हर गांव में कम से कम पांच महिलाओं को मुफ्त परीक्षण किट चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा कि जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत पानी एवं स्वच्छता के क्षेत्र में देश द्वारा शुरू किया गया ‘‘अगली पीढ़ी का सुधार ’’ है।


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PTI News Agency

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