नौ सेवानिवृत्त, दो सेवारत डीडीए अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश

punjabkesari.in Thursday, Aug 11, 2022 - 08:48 PM (IST)

नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नौ साल पुराने कथित वित्तीय हेराफेरी के एक प्रकरण में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के नौ सेवानिवृत्त और दो सेवारत अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल सक्सेना ने नौ सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन को भी स्थायी रूप से वापस लेने का आदेश दिया है। सक्सेना डीडीए के अध्यक्ष भी हैं।

अधिकारी ने बताया, ''''उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने डीडीए अध्यक्ष के रूप में आदेश दिया है कि डीडीए के तत्कालीन सदस्य (वित्त) और तत्कालीन सदस्य (इंजीनियरिंग) के अलावा नौ अन्य अधिकारियों के खिलाफ केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) निर्माण नियमावली, 2013 में वित्तीय हेराफेरी और ‘कोडल औपचारिकताओं’ के उल्लंघन मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की जाए।''''
नौ सेवानिवृत्त अधिकारियों में एक मुख्य अभियंता, एक अधीक्षण अभियंता और एक कार्यकारी अभियंता शामिल हैं, जबकि अन्य अधिकारी वित्त और लेखा विभाग में कार्यरत थे।
''''पूर्ण पेंशन लाभ को स्थायी रूप से वापस लेने'''' के फैसले पर अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल ने ''''गंभीर कदाचार और राजकोषीय नुकसान'''' को देखते हुए कठोर कदम उठाया है।

उन्होंने कहा, हालांकि, डीडीए ने राशि का केवल 25 प्रतिशत काटने की सिफारिश की थी।

उपराज्यपाल द्वारा आदेश में कार्रवाई का सामना करने वाले अधिकारियों में तत्कालीन सदस्य (इंजीनियरिंग) अभय कुमार सिन्हा, तत्कालीन सदस्य (वित्त) वेंकटेश मोहन, मुख्य अभियंता (सेवानिवृत्त) ओम प्रकाश, अधीक्षण अभियंता (सेवानिवृत्त) नाहर सिंह, ईई (सेवानिवृत्त) जेपी शर्मा, उप. मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (सीएओ) (सेवानिवृत्त) पीके चावला, सहायक लेखा परीक्षक (एएओ) (सेवानिवृत्त) जसवीर सिंह, एएडी (सेवानिवृत्त) एससी मोंगिया, अतिरिक्त अभियंता (एई) (सेवानिवृत्त) एससी मित्तल, अतिरिक्त अभियंता (एई) (सेवानिवृत्त) आरसी जैन, और अतिरिक्त अभियंता (एई) (सेवानिवृत्त) दिलबाग सिंह बैंस शामिल हैं।

अधिकारियों के अनुसार यह मामला किंग्सवे कैंप में एक कोरोनेशन पार्क के उन्नयन और सौंदर्यीकरण के कार्य से संबंधित है जो 2013 में दिया गया था।

अधिकारियों ने कहा, ''''संभावित कमीशन के बदले ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए सभी निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन किया गया था।''''
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने इस मामले पर गंभीर नाराजगी जताते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी किया।
अधिकारियों ने उपराज्यपाल के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा, ''''मेरा विचार है कि घटनाओं का पूरा क्रम आपराधिक विश्वासघात से जुड़ा है और भ्रष्टाचार के कोण से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए, इस मामले में सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है। संबंधित अधिकारी 15 दिनों के भीतर मेरे अवलोकन के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।''''


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