दिल्ली की अदालत ने संपत्ति मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश को रद्द किया
punjabkesari.in Thursday, Aug 11, 2022 - 02:46 PM (IST)
नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने संपत्ति बेचने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि मामला दीवानी कानून के तहत आता है और ऐसा प्रतीत होता है कि ''''दबाव बनाने के हथकंडे'''' के तहत इसे आपराधिक रूप दिया गया है।
याचिकाकर्ता ने एक व्यक्ति को संपत्ति बेची थी और सौदा होने के बावजूद उसने कथित तौर पर बैनामा नहीं कराया, जिसके बाद खरीदार ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत का रुख किया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल ने कहा, ''''इस मामले में, मैंने पाया है कि मजिस्ट्रेट ने आदेश पारित करते समय कानूनी गलती की। लिहाजा, 12 अप्रैल 2022 को पारित आदेश को कानूनी रूप से सही नहीं मानते हुए रद्द किया जाता है, जिसमें संबंधित एसएचओ को याचिकाकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।''''
अदालत ने कहा कि मामला दीवानी कानून के तहत आता है और ऐसा प्रतीत होता है कि ''''दबाव बनाने के हथकंडों'''' के तहत इसे आपराधिक रूप दिया गया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
याचिकाकर्ता ने एक व्यक्ति को संपत्ति बेची थी और सौदा होने के बावजूद उसने कथित तौर पर बैनामा नहीं कराया, जिसके बाद खरीदार ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत का रुख किया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल ने कहा, ''''इस मामले में, मैंने पाया है कि मजिस्ट्रेट ने आदेश पारित करते समय कानूनी गलती की। लिहाजा, 12 अप्रैल 2022 को पारित आदेश को कानूनी रूप से सही नहीं मानते हुए रद्द किया जाता है, जिसमें संबंधित एसएचओ को याचिकाकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।''''
अदालत ने कहा कि मामला दीवानी कानून के तहत आता है और ऐसा प्रतीत होता है कि ''''दबाव बनाने के हथकंडों'''' के तहत इसे आपराधिक रूप दिया गया है।
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