भारत की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है प्राकृतिक संसाधन क्षेत्र: वेदांता चैयरमैन
punjabkesari.in Wednesday, Aug 10, 2022 - 07:54 PM (IST)
नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि भारत की वृद्धि में प्राकृतिक संसाधन क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि एक छोटा सा नीतिगत परिवर्तन इस क्षेत्र की ‘वास्तविक क्षमता’ को सामने ला सकता है।
वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड भारत, दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया में तेल और गैस, जस्ता, सीसा, चांदी और तांबे जैसे क्षेत्रों में कारोबार करती है।
अग्रवाल ने वेदांता की 57वीं वार्षिक आम बैठक में कहा, ‘‘देश के आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों के बीच प्राकृतिक संसाधन क्षेत्र भारत की वृद्धि और रोजगार की कहानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यहां तक कि छोटे नीतिगत सुधार भी इस क्षेत्र की वास्तविक क्षमता को उजागर कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि दुनियाभर के व्यवसाय बदलती भू-राजनीतिक स्थिति के बीच चीन के अलावा किसी अन्य निवेश गंतव्य की तलाश कर रहे हैं। ऐसे समय में भारत निवेश आकर्षित करने के मामले में एक अच्छी स्थिति में है।
कंपनी के चेयरमैन ने कहा कि कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ज्यादातर देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है, जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था दिक्कतों का सामना कर रही है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने कहा कि एक छोटा सा नीतिगत परिवर्तन इस क्षेत्र की ‘वास्तविक क्षमता’ को सामने ला सकता है।
वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड भारत, दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया में तेल और गैस, जस्ता, सीसा, चांदी और तांबे जैसे क्षेत्रों में कारोबार करती है।
अग्रवाल ने वेदांता की 57वीं वार्षिक आम बैठक में कहा, ‘‘देश के आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों के बीच प्राकृतिक संसाधन क्षेत्र भारत की वृद्धि और रोजगार की कहानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यहां तक कि छोटे नीतिगत सुधार भी इस क्षेत्र की वास्तविक क्षमता को उजागर कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि दुनियाभर के व्यवसाय बदलती भू-राजनीतिक स्थिति के बीच चीन के अलावा किसी अन्य निवेश गंतव्य की तलाश कर रहे हैं। ऐसे समय में भारत निवेश आकर्षित करने के मामले में एक अच्छी स्थिति में है।
कंपनी के चेयरमैन ने कहा कि कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ज्यादातर देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है, जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था दिक्कतों का सामना कर रही है।
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