राष्ट्र सेवा के अधूरे सफर को फिर शुरू करूंगा: वेंकैया नायडू

punjabkesari.in Wednesday, Aug 10, 2022 - 06:44 PM (IST)

नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि वह अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद राष्ट्र सेवा की अपनी ‘‘अधूरी यात्रा’’ फिर से शुरू करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि वह आने वाले समय में लोगों से संवाद जारी रखेंगे और उनका ध्यान युवाओं तथा किसानों पर रहेगा।

नायडू ने मजाकिया लहजे में कहा कि वह ''प्रेजिडेंट या डिसिडेंट, अन्यथा रेजिडेंट'' की अवधारणा में विश्वास नहीं करते और वह लोगों के साथ जुड़ाव जारी रखेंगे।

उन्होंने अपने आवास पर मीडिया से कहा, "मैं राष्ट्र की सेवा में अपनी अधूरी यात्रा परसों से फिर शुरू करूंगा।"
उन्होंने कहा, "मीडिया द्वारा दिए गए समर्थन के कारण मैं आप सभी को दिल की गहराइयों से धन्यवाद देना चाहता हूं।"
नायडू ने कहा कि किसी ने उन्हें एक बार लिखा था कि वेंकैया नायडू समाचार का विषय बन जाते हैं चाहे वह "पद पर हों, विपक्ष में हों या किसी पद पर न हों।"
उपराष्ट्रपति ने कहा, "बाद में उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि इसके पीछे क्या राज है?"
नायडू ने कहा कि उन्होंने व्यक्ति को समझाया कि वह जो कहते हैं उसमें हमेशा एक संदेश और सार होता है, तथा मीडिया इसे इस तरह कवर करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘कल से मैं फिर से आगे बढ़ूंगा। जैसा कि मैंने पहले कहा था, मैं ''प्रेजिडेंट या डिसिडेंट, या रेजिडेंट'' की अवधारणा में विश्वास नहीं करता। मैं लोगों के साथ संवाद जारी रखूंगा क्योंकि मुझे इससे काफी खुशी मिलती है। मेरा ध्यान युवाओं और किसानों पर रहेगा क्योंकि उन पर सरकार और व्यवस्था को अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।’’
नायडू ने कहा कि उनके पास कुछ अन्य कार्यक्रम हैं और इस तथ्य के बावजूद कि वह 10 अगस्त के बाद उपराष्ट्रपति नहीं रहेंगे, उन्हें पहले ही कुछ आमंत्रण मिल चुके हैं।

उन्होंने कहा, "मैंने उनसे कहा कि 10 तारीख के बाद मैं अब उपराष्ट्रपति नहीं रहूंगा, लेकिन उन्होंने कहा कि इसका उपराष्ट्रपति पद से कोई लेना-देना नहीं है, यह वेंकैया नायडू के लिए है।"
अपने आवास पर दोपहर के भोजन के दौरान, निवर्तमान उपराष्ट्रपति ने मीडिया के साथ अपनी बातचीत को याद किया और 1993 का भी जिक्र किया जब वह भाजपा महासचिव के रूप में दिल्ली आए थे। बाद में वह पार्टी के अध्यक्ष भी बने।

नायडू अपनी जीवन यात्रा में केंद्रीय मंत्री भी रहे और उनके पास ग्रामीण विकास, शहरी विकास, सूचना और प्रसारण तथा संसदीय मामलों जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग रहे। उनका यह सफर देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचा।

उपराष्ट्रपति के रूप में नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है और बृहस्पतिवार को नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के शपथ ग्रहण करने के बाद वह अपने परिवार के साथ हैदराबाद के लिए रवाना होंगे।

नायडू को दिल्ली में 1, त्यागराज मार्ग पर आधिकारिक बंगला आवंटित किया गया है।

इससे पहले सुबह उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने पांच साल पूरे होने पर संसद भवन परिसर में एक पौधा लगाया।

इस अवसर पर नायडू ने कहा कि एक पौधा 100 पुत्रों के बराबर होता है जैसा कि पुराणों में बताया गया है।

उन्होंने सभी से पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में मदद करने के लिए वृक्षारोपण करने, इसकी रक्षा करने, इसे बढ़ाने और इसका प्रसार करने की अपील की।

लगाया गया पौधा सीता अशोक है, जो एक सदाबहार वृक्ष है। यह अपने सजावटी सुगंधित फूलों तथा औषधीय मूल्यों के लिए जाना जाता है।

पेड़ ''फैबेसी'' परिवार से संबंधित है और इसे पौराणिक तथा पवित्र पेड़ों में से एक माना जाता है।

इसे अशोक, करकेली (संस्कृत), असोगम (तमिल), ओशोक (बंगाली), वंजुलमु (तेलुगु), अशोकम (मलयालम) और अशोकदमारा (कन्नड़) आदि के नाम से भी जाना जाता है।

अशोक का शाब्दिक अर्थ है "बिना शोक वाला।"


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