गृह मंत्रालय ने उच्च न्यायालयों से मानव तस्करी पर न्यायिक संगोष्ठी आयोजित करने का आग्रह किया
punjabkesari.in Tuesday, Aug 09, 2022 - 02:24 PM (IST)
नयी दिल्ली, नौ अगस्त (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी उच्च न्यायालयों से मानव तस्करी पर संगोष्ठी आयोजित करने का आग्रह किया है ताकि न्यायिक अधिकारियों को इस अपराध के बारे में संवेदनशील बनाया जा सके।
मंत्रालय ने कहा कि तस्करी के शिकार लोगों को अक्सर वेश्यावृत्ति, जबरन विवाह और मानव अंग व्यापार समेत अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसलिए इसपर चर्चा की जानी चाहिए।
सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को भेजे गए पत्र में गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि मानव तस्करी के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हैं।
मंत्रालय ने कहा कि वह देश में कहीं भी होने वाली प्रत्येक न्यायिक परिचर्चा के लिए दो लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
गृह मंत्रालय ने कहा कि वैश्वीकरण के चलते बेहतर अवसरों की तलाश में लोगों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने का सिलसिला बढ़ गया है, जिनमें अक्सर उन्हें मानव तस्करी का शिकार होना पड़ता है और अनैतिक तत्व उनका शोषण करते है।
मंत्रालय ने कहा, ''''इस तरह का शोषण श्रम, वेश्यावृत्ति, जबरन विवाह, घरेलू गुलामी, भीख मांगना, अंग व्यापार, मादक पदार्थ तस्करी, हथियारों की तस्करी आदि कई रूपों में हो सकता है।''''
गृह मंत्रालय ने कहा कि तस्करी के शिकार लोगों को अक्सर अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। शारीरिक हिंसा, यौन शोषण, उत्पीड़न, धमकी और जबरदस्ती, तस्करी के शिकार लोगों के कुछ सामान्य अनुभव हैं।
गृह मंत्रालय ने कहा कि सहयोग को मजबूत करना, अंतरराज्यीय संचार माध्यम स्थापित करना और पड़ोसी देशों की मदद हासिल करना तस्करी का मुकाबला करने के प्रभावी तरीके हो सकते हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि तस्करी के शिकार लोगों को अक्सर वेश्यावृत्ति, जबरन विवाह और मानव अंग व्यापार समेत अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसलिए इसपर चर्चा की जानी चाहिए।
सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को भेजे गए पत्र में गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि मानव तस्करी के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हैं।
मंत्रालय ने कहा कि वह देश में कहीं भी होने वाली प्रत्येक न्यायिक परिचर्चा के लिए दो लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
गृह मंत्रालय ने कहा कि वैश्वीकरण के चलते बेहतर अवसरों की तलाश में लोगों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने का सिलसिला बढ़ गया है, जिनमें अक्सर उन्हें मानव तस्करी का शिकार होना पड़ता है और अनैतिक तत्व उनका शोषण करते है।
मंत्रालय ने कहा, ''''इस तरह का शोषण श्रम, वेश्यावृत्ति, जबरन विवाह, घरेलू गुलामी, भीख मांगना, अंग व्यापार, मादक पदार्थ तस्करी, हथियारों की तस्करी आदि कई रूपों में हो सकता है।''''
गृह मंत्रालय ने कहा कि तस्करी के शिकार लोगों को अक्सर अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। शारीरिक हिंसा, यौन शोषण, उत्पीड़न, धमकी और जबरदस्ती, तस्करी के शिकार लोगों के कुछ सामान्य अनुभव हैं।
गृह मंत्रालय ने कहा कि सहयोग को मजबूत करना, अंतरराज्यीय संचार माध्यम स्थापित करना और पड़ोसी देशों की मदद हासिल करना तस्करी का मुकाबला करने के प्रभावी तरीके हो सकते हैं।
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