शिअद को मजबूत करना ही मेरा एजेंडा : मनप्रीत अयाली
punjabkesari.in Monday, Aug 08, 2022 - 10:44 AM (IST)
चंडीगढ़, सात अगस्त (भाषा) पिछले महीने राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार कर अपनी पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ जाने वाले शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने रविवार को कहा कि उनका एकमात्र एजेंडा पार्टी को मजबूत करना है।
मनप्रीत सिंह अयाली ने फेसबुक पर एक वीडियो संदेश में कहा कि उन्होंने पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल से मुलाकात की और उनके साथ इकबाल सिंह झुंडन के नेतृत्व वाली समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट पर चर्चा की।
गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनावों में पार्टी की अपमानजनक हार के कारणों का विश्लेषण करने के लिए इकबाल सिंह झुंडन के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया था। शिअद ने 117 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ तीन सीट पर जीत हासिल की थी।
पंजाब की दाखा सीट से विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने 18 जुलाई को हुए राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार कर अपनी पार्टी के नेतृत्व को नाराज कर दिया था।
तीन बार के विधायक अयाली ने रविवार को कहा कि वह राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने के अपने फैसले पर कायम हैं।
झुंडन समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए अयाली ने पिछले महीने पार्टी नेतृत्व में बदलाव की भी बात कही थी।
अपने फेसबुक वीडियो में अयाली ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से वह किसी के खिलाफ नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘शिरोमणि अकाली दल को कैसे मजबूत किया जाए, यही मेरा एकमात्र एजेंडा है। यह एक क्षेत्रीय पार्टी है और पंजाब के अधिकारों के लिए बहुत अच्छी तरह लड़ सकती है।’’
अयाली ने पार्टी छोड़ने की अफवाहों को भी सिरे से खारिज कर दिया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मनप्रीत सिंह अयाली ने फेसबुक पर एक वीडियो संदेश में कहा कि उन्होंने पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल से मुलाकात की और उनके साथ इकबाल सिंह झुंडन के नेतृत्व वाली समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट पर चर्चा की।
गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनावों में पार्टी की अपमानजनक हार के कारणों का विश्लेषण करने के लिए इकबाल सिंह झुंडन के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया था। शिअद ने 117 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ तीन सीट पर जीत हासिल की थी।
पंजाब की दाखा सीट से विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने 18 जुलाई को हुए राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार कर अपनी पार्टी के नेतृत्व को नाराज कर दिया था।
तीन बार के विधायक अयाली ने रविवार को कहा कि वह राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने के अपने फैसले पर कायम हैं।
झुंडन समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए अयाली ने पिछले महीने पार्टी नेतृत्व में बदलाव की भी बात कही थी।
अपने फेसबुक वीडियो में अयाली ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से वह किसी के खिलाफ नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘शिरोमणि अकाली दल को कैसे मजबूत किया जाए, यही मेरा एकमात्र एजेंडा है। यह एक क्षेत्रीय पार्टी है और पंजाब के अधिकारों के लिए बहुत अच्छी तरह लड़ सकती है।’’
अयाली ने पार्टी छोड़ने की अफवाहों को भी सिरे से खारिज कर दिया।
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