जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री के साथ बैठक में सभी लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की जरूरत बतायी

punjabkesari.in Thursday, Jul 07, 2022 - 01:51 PM (IST)

नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सभी लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता से अवगत कराया और कहा कि द्विपक्षीय संबंध परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता और परस्पर हितों पर आधारित होने चाहिए।

बाली में जी20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर जयशंकर और वांग ने सीमा मुद्दों के समाधान के लिये दोनों पक्षों के बीच सैन्य स्तर की अगली वार्ता जल्द किसी तिथि पर आयोजित होने की उम्मीद जतायी ।
जयशंकर ने वांग यी के साथ बैठक के दौरान भारतीय छात्रों की चीन वापसी और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों को फिर शुरू करने सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की ।

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, जयशंकर ने बातचीत के दौरान पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सभी लंबित मुद्दों के जल्द समाधान की बात कही ।


मंत्रालय के अनुसार, विदेश मंत्री ने गतिरोध वाले कुछ क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने का उल्लेख करते हुए इस बात पर जोर दिया कि शेष सभी इलाकों से पूरी तरह से पीछे हटने के लिये इस गति को बनाये रखने की जरूरत है ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल की जा सके ।

जयशंकर ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकाल तथा पूर्व की बातचीत के दौरान दोनों मंत्रियों के बीच बनी समझ का पूरी तरह से पालन करने के महत्व को भी दोहराया।


विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस संबंध में मंत्रियों ने दोनों पक्षों के बीच सैन्य एवं राजनयिक अधिकारियों के बीच नियमित संपर्क बनाये रखने की पुष्टि की। दोनों मंत्रियों ने जल्द किसी तारीख पर वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की अगली बैठक की उम्मीद भी जतायी।

विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन के संबंध परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता और साझा हितों का ध्यान रखने पर बेहतर ढंग से आगे बढ़ सकते हैं।


इससे पहले, जयशंकर ने मुलाकात की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘ बाली में दिन की शुरुआत चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक से हुई। यह चर्चा एक घंटे तक चली।’’

उन्होंने कहा कि बैठक सीमा पर स्थिति सहित द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े लंबित मुद्दों पर केंद्रित रही।


विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘छात्रों और उड़ानों सहित अन्य मुद्दों पर भी बात हुई।’’

गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर जी20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने इंडोनेशिया के बाली में हैं। इंडोनेशिया के जी20 समूह की अध्यक्षता के ढांचे में यह बैठक आयोजित की गई है।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, बातचीत के दौरान जयशंकर ने मार्च 2022 में दिल्ली में वांग यी के साथ अपनी मुलाकात तथा उस दौरान कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर प्रगति की समीक्षा करने का जिक्र किया जिसमें छात्रों की वापसी का विषय भी शामिल था।
जयशंकर ने छात्रों की वापसी की प्रक्रिया तेज करने एवं उनकी जल्द वापसी सुगम बनाने की जरूरत पर बल दिया।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के कारण बीजिंग के प्रतिबंधों के कारण पिछले दो वर्षों‍ से सैकड़ों की संख्या में भारतीय छात्र पढ़ाई करने के लिये चीन वापस नहीं जा पा रहे हैं।

वहीं, दोनों पक्षों के बीच सीधी उड़ान फिर से शुरू करने को लेकर भी चर्चा चल रही है। महामारी के कारण इन्हें स्थगित कर दिया गया था ।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, ‘‘ दोनों विदेश मंत्रियों ने बातचीत के दौरान अन्य क्षेत्रीय एवं वैश्विक घटनाक्रमों पर अपने अपने दृष्टिकोण साझा किये। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने ब्रिक्स समूह की चीन की अध्यक्षता के दौरान भारत के सहयोग की सराहना की और आने वाले समय में जी20 एवं शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की भारत की अध्यक्षता के दौरान चीन के समर्थन आश्वासन दिया। दोनों ने सम्पर्क बनाये रखने पर सहमति व्यक्त की।’’
ब्रिक्स समूह के सदस्यों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। चीन ने पिछले महीने डिजिटल माध्यम से शिखर बैठक की मेजबानी की थी ।
वहीं, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक महत्वपूर्ण आर्थिक एवं सुरक्षा समूह है।
वांग यी की इस साल 24-25 मार्च की भारत यात्रा के बाद दोनों विदेश मंत्रियों की इंडोनेशिया के बाली में बैठक हुई है।

गौरतलब है कि भारत और चीन के सशस्त्र बलों के बीच मई, 2020 से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण संबंध बने हुए हैं। भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख विवाद में जारी गतिरोध को सुलझाने के लिए अब तक कई दौर की सैन्य एवं राजनयिक वार्ता की है । दोनों पक्षों के बीच राजनयिक और सैन्य वार्ता के परिणामस्वरूप कुछ इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने का काम भी हुआ है ।


वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हाल ही में कहा था कि हमारी यह अपेक्षा है कि चीनी पक्ष, भारतीय पक्ष के साथ शेष मुद्दों के समाधान के लिये सक्रियता से काम करेगा। उन्होंने कहा था कि दोनों पक्ष यह मानते हैं कि मौजूदा स्थिति का लंबा खिंचना किसी के हित में नहीं है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिल्ली में मार्च महीने में वांग यी से मुलाकात के बाद एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा था कि चीन के साथ भारत का रिश्ता सामान्य नहीं है और जब तक सीमा पर स्थितियां सामान्य नहीं होतीं, रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते।

मई में भारत और चीन ने सीमा विवाद को लेकर राजनयिक वार्ता की थी और अगले दौर की वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता जल्द आयोजित करने पर सहमति जतायी थी ।
हालांकि, अभी तक दोनों पक्ष सैन्य वार्ता को लेकर फैसला नहीं कर पाये हैं ।


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