जयशंकर ने इंडोनेशिया में चीनी विदेश मंत्री के साथ सीमा विवाद, द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की

punjabkesari.in Thursday, Jul 07, 2022 - 12:38 PM (IST)

नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सभी लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता से अवगत कराया और कहा कि द्विपक्षीय संबंध सम्मान, संवेदनशीलता और रुचि की “तीन परस्परता” पर आधारित होने चाहिए।



विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, जयशंकर ने बातचीत के दौरान पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सभी लंबित मुद्दों के जल्द समाधान की बात कही ।


मंत्रालय के अनुसार, विदेश मंत्री ने गतिरोध वाले कुछ क्षेत्रों से पीछे हटने का उल्लेख करते हुए इस बात पर जोर दिया कि शेष सभी इलाकों से पूरी तरह से पीछे हटने के लिये इस गति को बनाये रखने की जरूरत है ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल की जा सके ।

जयशंकर ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकाल तथा पूर्व की बातचीत के दौरान दोनों मंत्रियों के बीच बनी समझ का पूरी तरह से पालन करने के महत्व को भी दोहराया।


विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस संबंध में मंत्रियों ने दोनों पक्षों के बीच सैन्य एवं राजनयिक अधिकारियों के बीच नियमित संपर्क बनाये रखने की पुष्टि की। दोनों मंत्रियों ने जल्द किसी तारीख पर वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की अगली बैठक की उम्मीद भी जतायी।

विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन के संबंध परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता और परस्पर हितों से जुड़ी बातों का पालन करने पर बेहतर ढंग से आगे बढ़ सकते हैं।


इससे पहले, जयशंकर ने मुलाकात की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘ बाली में दिन की शुरुआत चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक से हुई। यह चर्चा एक घंटे तक चली।’’

उन्होंने कहा कि बैठक सीमा पर स्थिति सहित द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े लंबित मुद्दों पर केंद्रित रही।


विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘छात्रों और उड़ानों सहित अन्य मुद्दों पर भी बात हुई।’’

गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर जी20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने इंडोनेशिया के बाली में हैं। इंडोनेशिया के जी20 समूह की अध्यक्षता के ढांचे में यह बैठक आयोजित की गई है।

गौरतलब है कि भारत और चीन के सशस्त्र बलों के बीच पांच मई, 2020 से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण संबंध बने हुए हैं। भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख विवाद में जारी गतिरोध को सुलझाने के लिए अब तक कई दौर की सैन्य एवं राजनयिक वार्ता की है। दोनों पक्षों के बीच राजनयिक और सैन्य वार्ता के परिणामस्वरूप कुछ इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने का काम भी हुआ है ।


वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हाल ही में कहा था कि हमारी यह अपेक्षा है कि चीनी पक्ष, भारतीय पक्ष के साथ शेष मुद्दों के समाधान के लिये सक्रियता से काम करेगा। उन्होंने कहा था कि दोनों पक्ष यह मानते हैं कि मौजूदा स्थिति का लंबा खिंचना किसी के हित में नहीं है।


विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, बातचीत के दौरान जयशंकर ने मार्च 2022 में दिल्ली में वांग यी के साथ अपनी मुलाकात तथा उस दौरान कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर प्रगति की समीक्षा करने का जिक्र किया जिसमें छात्रों की वापसी का विषय भी शामिल था।

जयशंकर ने छात्रों की वापसी की प्रक्रिया तेज करने एवं उनकी जल्द वापसी सुगम बनाने की जरूरत पर बल दिया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मार्च महीने में वांग यी से मुलाकात के बाद एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा था कि चीन के साथ भारत का रिश्ता सामान्य नहीं है और जब तक सीमा पर स्थितियां सामान्य नहीं होतीं, रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते।



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