एसीबी जांच विवाद: सिसोदिया ने कहा-फैसले बदलने पर उपराज्यपाल दिल्ली सरकार को सूचित करें
punjabkesari.in Friday, Jul 01, 2022 - 01:24 AM (IST)
नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) जांच पर ‘‘तथ्यात्मक और कानूनी रूप से गलत’’ बयान देने का आरोप लगने के दो दिन बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने केवल मामले के कानूनी बिंदु का उल्लेख किया है।
सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल वी के सक्सेना को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को पूर्व उपराज्यपाल के फैसले को बदलने से पहले दिल्ली सरकार को सूचित करना चाहिए था।
सिसोदिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली सरकार की मंशा किसी से लड़ने की नहीं है, लेकिन अगर दिल्ली से जुड़े काम में बाधा आती है तो वह ऐसा करेगी।
उपराज्यपाल सक्सेना ने 28 जून को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में दावा किया था कि सिसोदिया ने कोविड-19 महामारी के दौरान सात अस्थायी अस्पतालों के निर्माण में कथित अनियमितताओं के संबंध में उनके द्वारा अनुमोदित भ्रष्टाचार रोधी शाखा (एसीबी) जांच में ‘‘तथ्यात्मक और कानूनी रूप से गलत’’ बयान दिए थे।
सिसोदिया ने कहा, ‘‘मैंने केवल उनके सामने कानून की स्थिति रखी। कानून की स्थिति बहुत स्पष्ट है कि इस पर फैसला होना चाहिए। पूर्व उपराज्यपाल ने इस पर अपना फैसला दिया था। अगर वर्तमान उपराज्यपाल उस फैसले को बदल रहे थे तो उन्हें निर्वाचित सरकार को सूचित करना चाहिए था।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल वी के सक्सेना को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को पूर्व उपराज्यपाल के फैसले को बदलने से पहले दिल्ली सरकार को सूचित करना चाहिए था।
सिसोदिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली सरकार की मंशा किसी से लड़ने की नहीं है, लेकिन अगर दिल्ली से जुड़े काम में बाधा आती है तो वह ऐसा करेगी।
उपराज्यपाल सक्सेना ने 28 जून को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में दावा किया था कि सिसोदिया ने कोविड-19 महामारी के दौरान सात अस्थायी अस्पतालों के निर्माण में कथित अनियमितताओं के संबंध में उनके द्वारा अनुमोदित भ्रष्टाचार रोधी शाखा (एसीबी) जांच में ‘‘तथ्यात्मक और कानूनी रूप से गलत’’ बयान दिए थे।
सिसोदिया ने कहा, ‘‘मैंने केवल उनके सामने कानून की स्थिति रखी। कानून की स्थिति बहुत स्पष्ट है कि इस पर फैसला होना चाहिए। पूर्व उपराज्यपाल ने इस पर अपना फैसला दिया था। अगर वर्तमान उपराज्यपाल उस फैसले को बदल रहे थे तो उन्हें निर्वाचित सरकार को सूचित करना चाहिए था।’’
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