महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बीच फडणवीस ने की शाह, नड्डा से मुलाकात

punjabkesari.in Tuesday, Jun 28, 2022 - 08:02 PM (IST)

नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की।

माना जा रहा है कि फडणवीस ने दोनों नेताओं को महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रमों से अवगत कराया और राज्य में पार्टी की भावी रणनीति से जुड़े विभिन्न पहुलओं पर चर्चा की।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, फडणवीस ने भाजपा सांसद और वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी के साथ शाह से मुलाकात की।

फडणवीस की भाजपा के शीर्ष नेताओं से यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब बागी नेता शिंदे ने दावा किया कि गुवाहाटी में उनके साथ 50 विधायक हैं और वे स्वेच्छा से तथा ‘‘हिंदुत्व’’ की राजनीति को आगे ले जाने के लिए यहां पहुंचे हैं।

माना जा रहा है कि फडणवीस ओर जेठमलानी ने शाह के साथ शिवसेना के बागी विधायकों और कुछ निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार बनाने के विकल्पों और इससे संबंधित कानूनी पहलुओं पर चर्चा की।

शाह से मुलाकात के बाद फडणवीस ने पार्टी अध्यक्ष नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की और उनसे भी राज्य के राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा की।

महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट का सामना कर रही है क्योंकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उसके कई विधायकों ने विद्रोह कर दिया है और वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं।

ज्ञात हो कि शिवसेना के इस विद्रोह को उसका आंतरिक मामला बताकर भाजपा ने इससे दूरी बना रखी है लेकिन उसके नेताओं ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि पार्टी की रणनीति ‘‘स्थिति पर नजर रखने’’ की है।

शिवसेना खेमे में विद्रोह के बाद फडणवीस बेहद सक्रिय देखे जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अगर एमवीए सरकार अल्पमत में आती है तो भाजपा, शिवसेना के बागियों के साथ सरकार बना सकती है।

भाजपा सूत्रों ने बताया कि हालांकि बताया कि अगली सरकार के गठन को लेकर कोई ठोस खाका नहीं तैयार किया गया लेकिन यदि पार्टी सरकार बनाने में सफल होती है तो शिंदे गुट के प्रमुख विधायकों को वह समायोजित कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक शिंदे को उपमुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है।

भाजपा नेताओं ने कहा कि फिलहाल पार्टी एमवीए सरकार के गिरने का इंतजार कर रही है क्योंकि उसने विधानसभा में बहुमत खो दिया है।

ऐसी संभावना है कि बागी विधायक मुंबई लौटे और राज्यपाल से मिलकर ठाकरे सरकार से समर्थन वापस लेने के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराएं। इसके बाद ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने को कह सकते हैं।

सूत्रों ने कहा कि अगले कुछ दिनों में बागी विधायकों के खेमे की गतिविधियां तेज होंगी।

फडणवीस ने सोमवार को मुंबई में पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के नेताओं के कोर समूह की एक बैठक भी की थी।

शिंदे शिवसेना के जिन असंतुष्ट विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं उनमें राज्य सरकार के नौ मंत्री भी हैं, जिनके विभाग सोमवार को वापस ले लिये गये।

भाजपा सूत्रों ने बताया कि पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर इस बार किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करेगी क्योंकि 2019 में फडणवीस ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक धड़े के साथ मिलकर सरकार बना ली थी लेकिन तब उन्हें दो ही दिनों में इस्तीफा देना पड़ गया था।

भाजपा नेताओं का मानना है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए की सरकार आखिरी सांसें ले रही है लेकिन भाजपा ‘‘इस बार अपने कदम फूंक-फूंक कर बढ़ाएगी।’’ एमवीए सरकार में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा शामिल हैं।

पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘‘सारी संभावनाएं तलाशने के बाद परिस्थितियां पक्ष में होंगी तभी राज्यपाल का दरवाजा खटखटाया जाएगा।’’
शिवसेना के बागी विधायकों को सोमवार को उच्चतम न्यायालय से भी राहत मिली जब शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला लेने पर रोक लगा दी।

इसके साथ ही अदालत ने अयोग्यता नोटिस की वैधता को चुनौती देने वाले बागी विधायकों की याचिकाओं पर राज्य सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया।



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