धरणेन्द्र कुरकुरी को साल 2021 के साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा

punjabkesari.in Friday, Jun 24, 2022 - 09:27 PM (IST)

नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) साहित्य अकादेमी ने वर्ष 2021 के लिए प्रतिष्ठित अनुवाद पुरस्कारों का शुक्रवार को ऐलान किया। अकादेमी ने हिंदी के लिए धरणेन्द्र कुरकुरी, उर्दू के लिए अर्जुमंद आरा और अंग्रेजी के लिए शांता गोखले समेत 22 भारतीय भाषाओं के अनुवादकों को साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार 2021 से नवाज़ने की घोषणा की है।

अकादेमी के सचिव श्रीनिवास राव ने एक बयान में बताया, “अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में आज आयोजित अकादेमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार 2021 के लिए 22 पुस्तकों के चयन को अनुमोदित किया गया।”
उन्होंने बताया कि कुरकुरी को कन्नड़ में लिखे बसवराज कट्टीमनी के उपन्यास “ ज्वालामुखिया मेले’’ का हिंदी में ‘ज्वालामुखी पर’ नाम से अनुवाद करने के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है।

राव के मुताबिक, आरा को अंरुधति रॉय के अंग्रेजी उपन्यास ‘मिनिस्ट्री ऑफ़ अटमोस्ट हैप्पिनेस’ का तर्जुमा ‘बेपनाह शादमानी की मुमलिकात’ नाम से उर्दू में करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसी तरह गोखले ने मराठी में लक्ष्मीबाई तिलक द्वारा कलमबद्ध किए गए संस्मरण ‘स्मृतिचित्रे’ का अनुवाद ‘स्मृतिचित्रे: द मेमोरीज़ ऑफ़ अ स्पिरिटेड वाइफ़’ शीर्षक से अंग्रेज़ी में किया है। इसके लिए उन्हें अनुवाद पुरस्कार से नवाज़ा जाएगा।

बयान के मुताबिक, हिंदी साहित्यकार राजमोहन झा की कहानी ‘आज.कल.परसों’ का सिंधी में ‘अजु-सुबहाने-परहीन’ नाम से तर्जुमा करने के लिए मीना रूपचंदाणी को, जबकि भाषा सिंह के हिंदी में कलमबद्ध कथेतर ‘अदृश्य भारत’ का तेलुगु में अनुवाद करने के लिए के संजय को पुरस्कृत किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सतीश वर्मा के हिंदी में लिखे यात्रावृत्त ‘पाकिस्तान की हक़ीक़त से रू.ब.रू’ का डोगरी में अनुवाद करने के लिए नीलम सरीन को और उदय प्रकाश की ‘प्रतिनिधि कहानियां’ का पंजाबी में तर्जुमा करने के लिए भजनबीर सिंह को अनुवाद पुरस्कार से नवाज़ा जाएगा।

सचिव ने बताया कि इसके अलावा असमिया में पॅरी हिलोइदारी, बांग्ला में नीता सेन समर्थ, गुजराती में सोनल पारीख, संस्कृत में शतावधानी रा. गणेश एवं. बी.एन. शशिकिरण्, और मराठी में कुमार नवाथे (दिवंगत) समेत 22 भारतीय भाषाओं के अनुवादकों को भी पुरस्कृत किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि मैथिली और राजस्थानी भाषाओं में पुरस्कारों की घोषणा बाद में की जाएगी।

राव ने बताया कि पुरस्कार एक जनवरी 2015 से 31 दिसंबर 2019 के बीच प्रकाशित पुस्तकों के लिए घोषित किए गए हैं।


उन्होंने बताया,‘‘ये पुरस्कार इसी वर्ष आयोजित होने वाले एक विशेष समारोह में प्रदान किए जाएंगे तथा प्रत्येक विजेता को पुरस्कार स्वरूप 50 हजार रुपये तथा उत्कीर्ण ताम्रफलक दिया जाएगा।”
राव ने यह भी बताया कि अकादेमी ने वर्ष 2019 के लिए उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों से तथा वर्ष 2020 के लिए पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों से कालजयी और मध्यकालीन साहित्य में बहुमूल्य योगदान के लिए चार लेखकों/विद्वानों को साहित्य अकादेमी ‘भाषा सम्मान’ प्रदान करने की घोषणा की है।

उन्होंने बताया कि उत्तरी क्षेत्र से वर्ष 2019 के लिए प्रो. दयानंद भार्गव को, जबकि दक्षिणी क्षेत्र से प्रो. ए. दक्षिणामूर्ति को ‘भाषा सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा।
सचिव ने बताया कि पूर्वी क्षेत्र से 2020 के लिए प्रो. सत्येंद्र नारायण गोस्वामी और पश्चिम क्षेत्र से डॉ. मोहम्मद आज़म को ‘भाषा सम्मान’ के लिए चयनित किया गया है।

उन्होंने कहा कि ‘भाषा सम्मान’ से सम्मानित विद्वानों को पुरस्कार के रूप में एक लाख रुपये की राशि, उत्कीर्ण ताम्रफलक और प्रशस्ति- पत्र प्रदान किए जाएंगे।


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