मतदान का समय बढ़ाने की मांग क्यों की गई : निर्वाचन आयोग ने पंजाब के अधिकारियों से पूछा
punjabkesari.in Thursday, Jun 23, 2022 - 07:10 PM (IST)
नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) निर्वाचन आयोग (ईसी) ने बृहस्पतिवार को पंजाब के मुख्य सचिव और संगरूर के उपायुक्त से यह स्पष्ट करने को कहा कि जब मतदान का समय समाप्त होने वाला था, उन्होंने इसे बढ़ाने की मांग क्यों की। इसके साथ ही आयोग ने कहा कि यह ‘‘चुनाव प्रक्रिया में अनुचित रूप से हस्तक्षेप करने और मतदाताओं के कुछ खास वर्गों को प्रभावित करने के प्रयास’’ के समान है।
आयोग ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी का पत्र और उसके बाद शाम 4:05 बजे मुख्य सचिव का अनुरोध ‘‘चुनाव प्रक्रिया में अनुचित हस्तक्षेप का प्रयास और मतदाताओं के खास वर्गों को यह कहते हुए प्रभावित करने का प्रयास है कि वे मतदान में तेजी लाएं या समयसीमा बढ़ाने की प्रतीक्षा करें।’’
आयोग ने कहा कि वह चुनाव प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों के ऐसे व्यवहार की निंदा करता है। पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को तीखे शब्दों में लिखे पत्र में आयोग ने उपचुनाव के दिन ऐसे कारणों से मतदान की समयसीमा बढ़ाने के लिए अनुरोध पर ‘‘नाराजगी’’ जतायी जो अधिसूचना जारी होने के समय भी ज्ञात थे।
अधिकारियों ने कहा कि समय बढ़ाने के लिए दलील यह थी कि लोग अब भी धान के खेतों में काम कर रहे हैं। यह एक तथ्य है जो अधिसूचना जारी होने क समय भी पहले से ही ज्ञात था।
आयोग के एक सचिव द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है, ‘‘मुझे यह बताने का निर्देश दिया गया है कि मुख्य सचिव और निर्वाचन अधिकारी से मतदान के दिन दोपहर में उत्पन्न कारणों और परिस्थितियों तथा नए तथ्यों के बारे में विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा जाए, जिसकी वजह से ऐसा पत्र लिखने की आवश्यकता हुई...।
आयोग ने कल (शुक्रवार) को दोपहर 1.00 बजे तक जवाब देने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में पंजाब विधानसभा चुनाव में भगवंत मान के एक सीट से जीतने और राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद संगरूर लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आयोग ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी का पत्र और उसके बाद शाम 4:05 बजे मुख्य सचिव का अनुरोध ‘‘चुनाव प्रक्रिया में अनुचित हस्तक्षेप का प्रयास और मतदाताओं के खास वर्गों को यह कहते हुए प्रभावित करने का प्रयास है कि वे मतदान में तेजी लाएं या समयसीमा बढ़ाने की प्रतीक्षा करें।’’
आयोग ने कहा कि वह चुनाव प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों के ऐसे व्यवहार की निंदा करता है। पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को तीखे शब्दों में लिखे पत्र में आयोग ने उपचुनाव के दिन ऐसे कारणों से मतदान की समयसीमा बढ़ाने के लिए अनुरोध पर ‘‘नाराजगी’’ जतायी जो अधिसूचना जारी होने के समय भी ज्ञात थे।
अधिकारियों ने कहा कि समय बढ़ाने के लिए दलील यह थी कि लोग अब भी धान के खेतों में काम कर रहे हैं। यह एक तथ्य है जो अधिसूचना जारी होने क समय भी पहले से ही ज्ञात था।
आयोग के एक सचिव द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है, ‘‘मुझे यह बताने का निर्देश दिया गया है कि मुख्य सचिव और निर्वाचन अधिकारी से मतदान के दिन दोपहर में उत्पन्न कारणों और परिस्थितियों तथा नए तथ्यों के बारे में विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा जाए, जिसकी वजह से ऐसा पत्र लिखने की आवश्यकता हुई...।
आयोग ने कल (शुक्रवार) को दोपहर 1.00 बजे तक जवाब देने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में पंजाब विधानसभा चुनाव में भगवंत मान के एक सीट से जीतने और राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद संगरूर लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा।
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