भारत-बांग्लादेश संबंधों का यह ‘शोनाली अध्याय’ है: जयशंकर
punjabkesari.in Monday, Jun 20, 2022 - 01:05 AM (IST)
नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) भारत और बांग्लादेश ने रविवार को व्यापार, साझा नदियों, साइबर सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने के लिए साथ मिलकर काम करने का संकल्प व्यक्त किया। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने आपसी संबंधों में विस्तार तथा ‘‘भरोसे और परस्पर सम्मान’’ की सराहना की।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और भारत दौरे पर आए उनके समकक्ष ए. के. अब्दुल मोमेन ने संबंधों की व्यापक समीक्षा की और कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी, द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक ‘‘आदर्श’’ है।
भारत-बांग्लादेश संयुक्त परामर्श आयोग की सातवीं बैठक के दौरान जयशंकर ने कहा, ‘‘आज हमारे संबंध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री शेख हसीना के दूरदृष्टि वाले नेतृत्व को परिलक्षित करते हैं। यह निश्चित ही एक ‘शोनाली अध्याय’ (स्वर्णिम अध्याय) है।’’ विदेश मंत्री ने बांग्लादेश के आर्थिक प्रदर्शन की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, स्टार्ट-अप और फिनटेक के क्षेत्रों में बांग्लादेश के साथ काम करने की उम्मीद कर रहा है और यहां तक कि बाढ़ प्रबंधन में पड़ोसी देश को मदद की पेशकश की है।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक रोल मॉडल, मंत्रियों ने सराहना की कि दोनों देशों के बीच साझा विश्वास व आपसी सम्मान पिछले एक दशक में और मजबूत हुआ है।’’
इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों ने म्यांमार के रखाइन प्रांत से जबरन विस्थापित लोगों की सुरक्षित, तेज और टिकाऊ वापसी के महत्व को दोहराया, जो वर्तमान में बांग्लादेश के आश्रय में हैं।
बयान में कहा गया है कि जयशंकर और मोमेन ने संतोष व्यक्त किया कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, दोनों देशों ने सीमा प्रबंधन, ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार और निवेश, सम्पर्क, क्षमता निर्माण और लोगों के बीच संबंध सहित हर प्रमुख क्षेत्र में पहले से कहीं ज्यादा करीब से काम किया है।
इसमें कहा गया, ‘‘दोनों मंत्रियों ने साझा नदियों और जल संसाधन प्रबंधन, आईटी और साइबर सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि और खाद्य सुरक्षा, सतत व्यापार, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन के क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की।’’
जयशंकर ने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि इस साल बांग्लादेश का निर्यात दोगुना होकर दो अरब डॉलर हो गया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और भारत दौरे पर आए उनके समकक्ष ए. के. अब्दुल मोमेन ने संबंधों की व्यापक समीक्षा की और कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी, द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक ‘‘आदर्श’’ है।
भारत-बांग्लादेश संयुक्त परामर्श आयोग की सातवीं बैठक के दौरान जयशंकर ने कहा, ‘‘आज हमारे संबंध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री शेख हसीना के दूरदृष्टि वाले नेतृत्व को परिलक्षित करते हैं। यह निश्चित ही एक ‘शोनाली अध्याय’ (स्वर्णिम अध्याय) है।’’ विदेश मंत्री ने बांग्लादेश के आर्थिक प्रदर्शन की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, स्टार्ट-अप और फिनटेक के क्षेत्रों में बांग्लादेश के साथ काम करने की उम्मीद कर रहा है और यहां तक कि बाढ़ प्रबंधन में पड़ोसी देश को मदद की पेशकश की है।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक रोल मॉडल, मंत्रियों ने सराहना की कि दोनों देशों के बीच साझा विश्वास व आपसी सम्मान पिछले एक दशक में और मजबूत हुआ है।’’
इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों ने म्यांमार के रखाइन प्रांत से जबरन विस्थापित लोगों की सुरक्षित, तेज और टिकाऊ वापसी के महत्व को दोहराया, जो वर्तमान में बांग्लादेश के आश्रय में हैं।
बयान में कहा गया है कि जयशंकर और मोमेन ने संतोष व्यक्त किया कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, दोनों देशों ने सीमा प्रबंधन, ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार और निवेश, सम्पर्क, क्षमता निर्माण और लोगों के बीच संबंध सहित हर प्रमुख क्षेत्र में पहले से कहीं ज्यादा करीब से काम किया है।
इसमें कहा गया, ‘‘दोनों मंत्रियों ने साझा नदियों और जल संसाधन प्रबंधन, आईटी और साइबर सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि और खाद्य सुरक्षा, सतत व्यापार, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन के क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की।’’
जयशंकर ने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि इस साल बांग्लादेश का निर्यात दोगुना होकर दो अरब डॉलर हो गया है।
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