सरकार ने ‘अग्निवीरों’ के लिए कई सहायता उपायों की घोषणा की

punjabkesari.in Saturday, Jun 18, 2022 - 11:14 PM (IST)

नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) केंद्र ने आवश्यक योग्यता मानदंडों को पूरा करने वाले ‘अग्निवीरों’ के लिए रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को शनिवार को मंजूरी दी।

सशस्त्र बलों में सैनिकों की भर्ती की नयी योजना ‘अग्निपथ’ के बारे में आशंकाओं को दूर करने के लिए पिछले कुछ दिनों में किये गये सिलसिलेवार उपायों को जारी रखते हुए यह कदम उठाया गया।
सशस्त्र बलों में सैनिकों की अल्पकालिक भर्ती के विरोध में देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन बढ़ने के बीच रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में ‘अग्निवीरों’ के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रस्ताव को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मंजूरी प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश के तौर पर देखी जा रही है।
सिंह के कार्यालय ने कहा, ‘‘तटरक्षक और रक्षा विभाग में असैन्य पदों तथा रक्षा क्षेत्र के सभी 16 सार्वजनिक उपक्रमों में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाएगा।’’
गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत रिक्तियों को ‘अग्निवीरों’ के लिए आरक्षित करने की शनिवार को घोषणा की।
कई अन्य विभागों ने भी ‘अग्निवीरों’ का चार साल का सेवाकाल सशस्त्र बलों में पूरा हो जाने के बाद नौकरियां उपलब्ध कराने का वादा किया है।

पिछले कुछ दिनों में केंद्र ने सशस्त्र बलों में भर्ती की नयी योजना के खिलाफ आशंकाओं को दूर करने की कोशिश के तहत सिलसिलेवार उपायों की घोषणा की है।
बृहस्पतिवार को केंद्र ने ऊपरी उम्र सीमा 21 साल से बढ़ा कर 23 साल कर दी।
गृह मंत्रालय ने ‘अग्निवीरों’ को उम्र सीमा में तीन साल की छूट देने की भी घोषणा की है। मंत्रालय ने शनिवार को सिलसिलेवार ट्वीट में घोषणा की कि ‘अग्निवीरों’ के प्रथम बैच के लिए उम्र सीमा में छूट पांच साल की होगी।
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत आने वाले पोत परिवहन निदेशालय ने नौसेना के साथ, ‘अग्निवीरों’ को मर्चेंट नेवी में सुगमता से शामिल करने की एक प्रणाली बनाने की घोषणा की है।
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) रक्षा अधिकारियों की सलाह से एक विशेष कार्यक्रम की शुरुआत कर रहा है ताकि 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले ‘अग्निवीरों’ को उनकी शिक्षा आगे बढ़ाने और उनके सेवा क्षेत्र के लिए प्रासंगिक पाठ्यक्रम विकसित करके 12वीं कक्षा का प्रमाणपत्र प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सके। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ‘अग्निवीरों’ के करियर की भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए वह ऐसे रक्षा कर्मियों के लिए कौशल आधारित तीन-वर्षीय स्नातक डिग्री कार्यक्रम शुरू करेगा, जो रक्षा प्रतिष्ठानों में उनके कार्यकाल के दौरान प्राप्त कौशल प्रशिक्षण को मान्यता देगा।
अधिकारियों ने बताया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के डिग्री पाठ्यक्रम को रोजगार एवं शिक्षा के लिए भारत और विदेश दोनों जगह मान्यता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सेना, नौसेना और वायु सेना इस योजना के कार्यान्वयन के लिए इग्नू के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेंगे।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने मंगलवार को कहा था कि यूजीसी सशस्त्र बलों की ''अग्निपथ'' योजना के तहत रंगरूटों द्वारा प्राप्त कौशल को पहचानने की दिशा में काम करेगा, ताकि स्नातक कार्यक्रम में शामिल होने पर उनका आकलन किया जा सके।

अधिकारियों ने बताया कि ‘अग्निवीरों’ को सेवा में रहने के दौरान कौशल भारत प्रमाण पत्र मिलेगा।


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