पहले की सरकारों में प्रौद्योगिकी को लेकर उदासीनता के चलते गरीबों व मध्यम वर्ग को परेशानी हुई : मोदी

punjabkesari.in Friday, May 27, 2022 - 03:11 PM (IST)

नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 2014 से पहले के शासन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर ‘‘उदासीनता’’ का माहौल था और इससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।

प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि वर्तमान सरकार ने ड्रोन सहित अन्य प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाना सुनिश्चित किया है।

प्रधानमंत्री ने यहां देश के सबसे बड़े ड्रोन महोत्सव के उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा ,‘‘ ऐसे वक्त, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, मेरा सपना है कि भारत में प्रत्येक व्यक्ति के हाथ में एक स्मार्ट फोन हो, प्रत्येक खेत में एक ड्रोन हो और प्रत्येक घर में समृद्धि हो।’’
उन्होंने कहा कि भारत में ड्रोन प्रौद्योगिकी को लेकर जिस तरह का जोश देखा जा रहा है, वह अद्भुत है और इस उभरते क्षेत्र में रोजगार पैदा होने की संभावनाओं का संकेत देता है।

उन्होंने कहा कि आठ वर्ष पहले ‘‘ हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करना शुरू किया और न्यूनतम सरकार तथा अधिकतम शासन के सिद्धांत पर चलते हुए जीवन और कारोबार की सुगमता को प्राथमिकता दी गयी। ’’

मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों के कार्यकाल में प्रौद्योगिकी को समस्या का हिस्सा समझा जाता था और इन पर ‘‘गरीब विरोधी’’ होने का ठप्पा लगाने के प्रयास किए जाते थे। इसके कारण 2014 से पहले के शासन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर उदासीनता का माहौल था और इसका सबसे ज्यादा असर गरीबों, वंचितों और मध्यम वर्ग पर पड़ा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक वक्त था जब लोग राशन पाने के लिए घंटों लंबी कतारों में खड़े रहते थे,लेकिन पिछले सात से आठ वर्षों में इन बाधाओं को प्रौद्योगिकी की सहायता से दूर किया गया है।
उन्होंने दावा किया कि पहले ऐसा समझा जाता था कि प्रौद्योगिकी संबंधी अविष्कार गणमान्य लोगों के लिए है लेकिन,‘‘ आज हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी नयी प्रौद्योगिकी की लाभार्थी सबसे पहले जनता बने। ड्रोन प्रौद्योगिकी इसका एक उदाहरण है।’’
प्रधानमंत्री के अनुसार प्रौद्योगिकी ने अंतिम छोर तक आपूर्ति सुनिश्चित करने में बहुत मदद की है। उन्होंने कहा कि पीएम स्वामित्व योजना इस बात का उदाहरण है कि कैसे ड्रोन प्रौद्योगिकी बड़ी क्रांति का आधार बन रही है और इसके जरिए पहली बार गांवों में सभी संपत्तियों की माप डिजिटल तरीके से की जा रही है और लोगों को 65 लाख डिजिटल संपत्ति कार्ड दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि कृषि, खेल, रक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ेगा।

कुछ माह पहले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ड्रोन प्रौद्योगिकी पर अनेक प्रतिबंध थे, केन्द्र सरकार ने बेहद कम समय में ऐसे सभी प्रतिबंधों को समाप्त कर किया है। वह पिछले वर्ष नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा सुगम किए गए ड्रोन नियमों का जिक्र कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार देश भर में स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्रों के नेटवर्क को मजबूत बना रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों में दवाइयां और अन्य सामान पहुंचाना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है ‘‘ड्रोन के जरिए ऐसे सामान बहुत जल्दी पहुंचाए जा सकेंगे।’’
उन्होंने युवाओं से ड्रोन के क्षेत्र में और नए स्टार्टअप्स विकसित करने को कहा और उम्मीद जताई कि देश के पुलिस बल के लिए भी ड्रोन उपयोगी साबित होंगे।

राष्ट्रीय राजधानी में दो दिवसीय ‘भारत ड्रोन महोत्सव 2022’ आयोजित किया जा रहा है। शुक्रवार महोत्सव का पहला दिन है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के अलावा नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव और ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह भी मौजूद थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा कि ऐसे विचार से बढ़कर कोई चीज नहीं है, जिसका वक्त आ गया है और ड्रोन ऐसा ही एक विचार है।

उन्होंने कहा कि कभी भारत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दूसरों का अनुसरण करने वाला देश हुआ करता था लेकिन आज यह प्रणेता बन गया है। सिंधिया ने साथ ही कहा कि प्रौद्योगिकी तभी सफल होगी जब इसका इस्तेमाल वंचितों और गरीबों के लिए होगा।
इस महोत्सव में सरकारी अधिकारियों, विदेशी राजनयिकों, सशस्त्र बलों, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों सहित, निजी कंपनियों और ड्रोन स्टार्टअप से जुड़े 1,600 से अधिक लोग भाग ले रहे हैं।



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