वायु प्रदूषण में सुधार के प्रयासों का सकारात्मक असर : भूपेंद्र यादव
punjabkesari.in Saturday, May 21, 2022 - 05:49 PM (IST)
नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को कहा कि देश भर के विभिन्न शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार की खातिर किए गए प्रयासों का सकारात्मक असर हुआ है और देश की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सहभागितापूर्ण शासन महत्वपूर्ण है।
उन्होंने चेन्नई में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) संबंधी एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि ''सभी लोगों को स्वच्छ हवा'' मुहैया कराने के लिए एक सहभागितापूर्ण मिशन बनाने का समय आ गया है।
एनसीएपी एक राष्ट्रीय स्तरीय रणनीति है जिसके तहत 2024 तक प्रदूषणकारी तत्वों ‘पीएम2.5 और पीएम10’ की मात्रा में 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी पर जोर दिया गया है तथा 2017 को आधार वर्ष माना गया है।
यादव ने कहा कि भारत सभी हितधारकों की भागीदारी, समन्वय, सहयोग और सतत प्रयासों से एनसीएपी के उद्देश्यों को काफी हद तक हासिल करेगा। उन्होंने कहा, "वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए किए गए प्रयासों से देश भर के विभिन्न शहरों में सकारात्मक रुख दिखा है। लेकिन अगर हम वह हासिल करना चाहते हैं जो हम चाहते हैं, तो जनभागीदारी शासन की कुंजी है।"
उन्होंने तमिलनाडु की सराहना करते हुए कहा कि चेन्नई, मदुरै और त्रिची की आबादी तीस लाख से अधिक है लेकिन तीनों शहरों की वायु गुणवत्ता राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों के अंदर है।
यादव ने ‘ई-कम्यूट’ कार्यक्रम शुरु करने के लिए तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भी सराहना की। इस कार्यक्रम के तहत बोर्ड के सभी अधिकारी हर बुधवार को अपने कार्यालय जाने के लिए गैर-जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों का उपयोग करते हैं।
यादव ने युवाओं से सतत जीवन शैली, उचित व्यवहार और दृष्टिकोण अपना कर वायु गुणवत्ता में सुधार के मिशन में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने चेन्नई में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) संबंधी एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि ''सभी लोगों को स्वच्छ हवा'' मुहैया कराने के लिए एक सहभागितापूर्ण मिशन बनाने का समय आ गया है।
एनसीएपी एक राष्ट्रीय स्तरीय रणनीति है जिसके तहत 2024 तक प्रदूषणकारी तत्वों ‘पीएम2.5 और पीएम10’ की मात्रा में 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी पर जोर दिया गया है तथा 2017 को आधार वर्ष माना गया है।
यादव ने कहा कि भारत सभी हितधारकों की भागीदारी, समन्वय, सहयोग और सतत प्रयासों से एनसीएपी के उद्देश्यों को काफी हद तक हासिल करेगा। उन्होंने कहा, "वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए किए गए प्रयासों से देश भर के विभिन्न शहरों में सकारात्मक रुख दिखा है। लेकिन अगर हम वह हासिल करना चाहते हैं जो हम चाहते हैं, तो जनभागीदारी शासन की कुंजी है।"
उन्होंने तमिलनाडु की सराहना करते हुए कहा कि चेन्नई, मदुरै और त्रिची की आबादी तीस लाख से अधिक है लेकिन तीनों शहरों की वायु गुणवत्ता राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों के अंदर है।
यादव ने ‘ई-कम्यूट’ कार्यक्रम शुरु करने के लिए तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भी सराहना की। इस कार्यक्रम के तहत बोर्ड के सभी अधिकारी हर बुधवार को अपने कार्यालय जाने के लिए गैर-जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों का उपयोग करते हैं।
यादव ने युवाओं से सतत जीवन शैली, उचित व्यवहार और दृष्टिकोण अपना कर वायु गुणवत्ता में सुधार के मिशन में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की।
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