अंशधारकों के लिए गुणवत्तापूर्ण फोर्टिफाइड चावल का उत्पादन सुनिश्चित करने को एसओपी

punjabkesari.in Friday, May 20, 2022 - 05:35 PM (IST)

नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और पीएम-किसान जैसे कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से वर्ष 2024 तक तीन चरणों में फोर्टिफाइड चावल (पोषणयुक्त संवर्धित चावल) का उत्पादन और वितरण सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) लागू की गई हैं।

प्रधानमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में घोषणा की थी कि वर्ष 2024 तक केंद्र सरकार की सभी योजनाओं के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल दिया जाएगा।

आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों से चावल को पोषक तत्वों से संवर्धित करने की प्रक्रिया फोर्टिफिकेशन कहलाती है। यह एनीमिया की चुनौती को दूर करने के लिए एक प्रभावी, निवारक और लागत प्रभावी रणनीति है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार, घरेलू आपूर्ति श्रृंखला के तहत वांछित गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए पूरे कार्यक्रम के सुचारू कार्यान्वयन के लिए मार्च 2022 में एसओपी तैयार करने के बाद उसे जारी किया गया था।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) भी पूरे कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

पहले चरण में, जो अक्टूबर 2021 में शुरू हुआ, आईसीडीएस और पीएम-पोषण के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की गई।

दूसरे चरण में मार्च 2023 तक सभी महत्वाकांक्षी और अधिक बोझ वाले जिलों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को शामिल किया जाएगा। अंतिम चरण में, शेष सभी जिलों को मार्च 2024 तक कवर किया जाएगा।

सरकार ने वर्ष 2019-20 में 11 राज्यों में पीडीएस के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल और मार्च 2022 तक उनके चिन्हित जिलों में लगभग 4.30 लाख टन अनाज का वितरण किया था।

ये राज्य, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड हैं।


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PTI News Agency

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