पंजाब एंड सिंध बैंक का चौथी तिमाही का मुनाफा दोगुना से अधिक होकर 346 करोड़ रुपये पर
punjabkesari.in Thursday, May 19, 2022 - 06:36 PM (IST)
नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब एंड सिंध बैंक का बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही का मुनाफा दोगुना से अधिक होकर 346 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बैंक ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि डूबा कर्ज घटने से उसका मुनाफा बढ़ा है।
पंजाब एंड सिंध बैंक ने वित्त वर्ष 2020-21 की समान तिमाही में 160.79 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
बैंक ने एक बयान में कहा कि बीती तिमाही के दौरान इसकी कुल आय बढ़कर 2,007.90 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि में यह 1,940.62 करोड़ रुपये थी।
बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 31 मार्च, 2022 तक घटकर 12.17 प्रतिशत रह गईं, जो मार्च, 2021 के अंत तक13.76 प्रतिशत पर थीं।
मूल्य के संदर्भ में बैंक का सकल एनपीए घटकर 8,565 करोड़ रुपये रह गया, जो इससे पिछले वर्ष की समान अवधि तक 9,334 करोड़ रुपये था।
इस दौरान बैंक का शुद्ध एनपीए घटकर 2.74 प्रतिशत या 1,742.27 करोड़ रुपये रह गया, जो मार्च, 2021 के अंत तक 4.04 प्रतिशत या 2,461.95 करोड़ रुपये था।
बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 10 रुपये अंकित मूल्य के शेयर पर 31 पैसे या 3.1 प्रतिशत के लाभांश की सिफारिश की है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पंजाब एंड सिंध बैंक ने वित्त वर्ष 2020-21 की समान तिमाही में 160.79 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
बैंक ने एक बयान में कहा कि बीती तिमाही के दौरान इसकी कुल आय बढ़कर 2,007.90 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि में यह 1,940.62 करोड़ रुपये थी।
बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 31 मार्च, 2022 तक घटकर 12.17 प्रतिशत रह गईं, जो मार्च, 2021 के अंत तक13.76 प्रतिशत पर थीं।
मूल्य के संदर्भ में बैंक का सकल एनपीए घटकर 8,565 करोड़ रुपये रह गया, जो इससे पिछले वर्ष की समान अवधि तक 9,334 करोड़ रुपये था।
इस दौरान बैंक का शुद्ध एनपीए घटकर 2.74 प्रतिशत या 1,742.27 करोड़ रुपये रह गया, जो मार्च, 2021 के अंत तक 4.04 प्रतिशत या 2,461.95 करोड़ रुपये था।
बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 10 रुपये अंकित मूल्य के शेयर पर 31 पैसे या 3.1 प्रतिशत के लाभांश की सिफारिश की है।
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