ग्रामीण क्षेत्रों में शहर स्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में ड्रोन की भूमिका उपयोगी: डब्ल्यूईएफ

punjabkesari.in Wednesday, May 18, 2022 - 08:46 PM (IST)

नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने बुधवार को एक नए प्रायोगिक कार्यक्रम के परिणाम का हवाला देते हुए कहा कि भारत के सुदूर इलाकों में लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

तीन लाख से अधिक की आबादी को कवर करने वाले आठ स्वास्थ्य केंद्रों ने 45 दिवसीय परीक्षण में भाग लिया, जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों ने ड्रोन द्वारा महत्वपूर्ण टीके और दवाएं वितरित कीं।

डब्ल्यूईएफ ने इसे एशिया में लंबी दूरी तक टीका आपूर्ति का पहला सफल परीक्षण करार देते हुए कहा कि यह दिखाता है कि दूरदराज के क्षेत्रों में तत्काल स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए ड्रोन तकनीक को पूरे भारत में कैसे बढ़ाया जा सकता है।

यह तेलंगाना सरकार, अपोलो अस्पताल के हेल्थनेट ग्लोबल और नीति आयोग की साझेदारी में डब्ल्यूईएफ के ‘सेंटर फॉर द फोर्थ इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन इंडिया’ के नेतृत्व में कार्यक्रम ‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य व्यापार जगत, नीति निर्माताओं और समुदायों के साथ काम करना है ताकि भारत के दूरस्थ क्षेत्रों में शहरी स्तरीय स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करने के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा सके।

डब्ल्यूईएफ ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों, स्थानीय समुदायों, स्थानीय पुलिस, जिला स्तर के प्रशासकों और स्थानीय हवाई यातायात नियंत्रण सहित कई हितधारकों से परामर्श किया गया है।

कार्यक्रम के तहत, स्वास्थ्य पेशेवरों ने तेलंगाना के विकाराबाद जिले में आठ जिला स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत 3,00,000 से अधिक लोगों के लिए टीके, कोविड-19 जांच के नमूने और चिकित्सा उत्पाद वितरित किए। जिले को इसलिए चुना गया क्योंकि इसमें अनंतगिरि पर्वत के घने जंगलों में रहने वाले समुदाय शामिल हैं। परीक्षण में 45 दिनों की अवधि में 300 से अधिक ड्रोन उड़ानें शामिल थीं।

डब्ल्यूईएफ ने कहा कि परीक्षण के निष्कर्ष को एक रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है। कार्यक्रम के तहत ड्रोन नियम 2021 का पालन किया गया। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यक्रम को बेहद महत्वपूर्ण बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘ड्रोन नियमों के हालिया उदारीकरण और ड्रोन क्षेत्र के लिए कई सरकारी प्रोत्साहनों के साथ, इस नवीन तकनीक के भारत में फलने-फूलने के लिए मंच तैयार है।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई पहल ने प्रदर्शित किया है कि कैसे देश अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग कर सकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच के मामले में कोई भी पीछे न रहे। हमें उम्मीद है कि इस पहल के बाद के चरण स्वास्थ्य सेवा में ड्रोन को मुख्यधारा में लाएंगे।’’


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