सैनिक स्कूल संबद्धता: 13 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों से कमजोर प्रतिक्रिया
punjabkesari.in Sunday, Jan 23, 2022 - 01:30 AM (IST)
नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि केंद्र की सैनिक स्कूल संबद्धता योजना के लिए 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों की प्रतिक्रिया कमजोर रही है और इस मामले में एक सक्रिय अभियान चलाने की जरूरत है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये 13 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश- गोवा, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, नयी दिल्ली, अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, लद्दाख और जम्मू कश्मीर हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल अक्टूबर में राज्यों, गैर सरकारी संगठनों या निजी संस्थाओं के साथ साझेदारी में सैनिक स्कूल सोसायटी के तहत 100 संबद्ध सैनिक स्कूल स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बयान में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों के लगभग 230 स्कूलों ने खुद को सैनिक स्कूल सोसाइटी से संबद्ध करने के लिए अपने आवेदन भेजे हैं।
बयान के अनुसार, ‘‘यह देखा गया है कि गोवा, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, नयी दिल्ली, अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, लद्दाख और जम्मू और कश्मीर से निजी या गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित अथवा सरकारी स्कूलों की भागीदारी कम रही है, जबकि इन राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के लिए अपने क्षेत्र में सैनिक स्कूल स्थापित करने का एक सुनहरा अवसर है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये 13 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश- गोवा, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, नयी दिल्ली, अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, लद्दाख और जम्मू कश्मीर हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल अक्टूबर में राज्यों, गैर सरकारी संगठनों या निजी संस्थाओं के साथ साझेदारी में सैनिक स्कूल सोसायटी के तहत 100 संबद्ध सैनिक स्कूल स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बयान में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों के लगभग 230 स्कूलों ने खुद को सैनिक स्कूल सोसाइटी से संबद्ध करने के लिए अपने आवेदन भेजे हैं।
बयान के अनुसार, ‘‘यह देखा गया है कि गोवा, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, नयी दिल्ली, अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, लद्दाख और जम्मू और कश्मीर से निजी या गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित अथवा सरकारी स्कूलों की भागीदारी कम रही है, जबकि इन राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के लिए अपने क्षेत्र में सैनिक स्कूल स्थापित करने का एक सुनहरा अवसर है।’’
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