एनसीएलएटी ने एरिक्सन की एकीकरण योजना का रास्ता किया साफ
punjabkesari.in Thursday, Jan 20, 2022 - 01:07 AM (IST)

नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने एरिक्सन इंडिया और एरिक्सन इंडिया ग्लोबल सर्विसेज की तरफ से दायर अर्जियों को ठुकराने वाले राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश को रद्द कर दिया है।
एरिक्सन समूह की दोनों कपनियों ने अपने शेयरधारकों की बैठक बुलाने के लिए एनसीएलटी से मंजूरी मांगी थी। बैठक में दोनों कंपनियों के एकीकरण प्रस्ताव पर शेयरधारकों की स्वीकृति ली जानी थी।
एनसीएलटी की दिल्ली स्थित मुख्य पीठ ने 23 सितंबर, 2021 को जारी अपने आदेश में एरिक्सन कंपनियों के आवेदन को ठुकरा दिया था। पीठ ने इस बैठक को अधूरा एवं दोषपूर्ण बताते हुए कहा था कि एरिक्सन को यह आवेदन करने के पहले ऋणदाताओं से मंजूरी लेनी चाहिए थी।
दोनों कंपनियों ने इस आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील दायर की थी। अपीलीय न्यायाधिकरण के दो सदस्यीय पीठ ने उनकी अपील को स्वीकार करते हुए एनसीएलटी के पिछले आदेश को निरस्त कर दिया।
एनसीएलएटी की पीठ ने कहा, ‘‘हमारा मत है कि यह विलय एक पूर्ण-स्वामित्व वाली इकाई का ही अपनी होल्डिंग कंपनी में होना है और इसमें नए शेयरों का भी आवंटन नहीं होना है।’’
दोनों कंपनियों का एकीकरण एक अप्रैल, 2021 से ही अमल में आ जाना था। लेकिन इस पर कानूनी विवाद होने से ऐसा नहीं हो पाया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एरिक्सन समूह की दोनों कपनियों ने अपने शेयरधारकों की बैठक बुलाने के लिए एनसीएलटी से मंजूरी मांगी थी। बैठक में दोनों कंपनियों के एकीकरण प्रस्ताव पर शेयरधारकों की स्वीकृति ली जानी थी।
एनसीएलटी की दिल्ली स्थित मुख्य पीठ ने 23 सितंबर, 2021 को जारी अपने आदेश में एरिक्सन कंपनियों के आवेदन को ठुकरा दिया था। पीठ ने इस बैठक को अधूरा एवं दोषपूर्ण बताते हुए कहा था कि एरिक्सन को यह आवेदन करने के पहले ऋणदाताओं से मंजूरी लेनी चाहिए थी।
दोनों कंपनियों ने इस आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील दायर की थी। अपीलीय न्यायाधिकरण के दो सदस्यीय पीठ ने उनकी अपील को स्वीकार करते हुए एनसीएलटी के पिछले आदेश को निरस्त कर दिया।
एनसीएलएटी की पीठ ने कहा, ‘‘हमारा मत है कि यह विलय एक पूर्ण-स्वामित्व वाली इकाई का ही अपनी होल्डिंग कंपनी में होना है और इसमें नए शेयरों का भी आवंटन नहीं होना है।’’
दोनों कंपनियों का एकीकरण एक अप्रैल, 2021 से ही अमल में आ जाना था। लेकिन इस पर कानूनी विवाद होने से ऐसा नहीं हो पाया है।
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