पंजाब: कांग्रेस के चार नेताओं ने मंत्री को पार्टी से निकालने की मांग की, सोनिया गांधी को लिखा पत्र
punjabkesari.in Wednesday, Jan 19, 2022 - 08:46 AM (IST)

चंडीगढ़, 18 जनवरी (भाषा) पंजाब प्रदेश कांग्रेस के चार नेताओं ने मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि राज्य सरकार के मंत्री राणा गुरजीत सिंह को कांग्रेस से बाहर किया जाए क्योंकि वह विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को ‘कमजोर कर रहे हैं।’
कांग्रेस ने गुरजीत को कपूरथला विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है।
इस बीच, गुरजीत के पुत्र राणा इंदर प्रताप सिंह ने कपूरथला जिले की सुल्तानपुर लोधी विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस सीट पर कांग्रेस ने अपने विधायक नवतेज सिंह चीमा को उम्मीदवार बनाया है।
चीमा, जालंधर उत्तर से विधायक अवतार सिंह जूनियर, फगवाड़ा से विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल और पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा है।
इन नेताओं ने यहां मीडिया को यह पत्र जारी किया। इसमें कहा गया है, ‘‘राणा गुरजीत सिंह दोआबा क्षेत्र के कई विधानसभा क्षेत्रों में दखल दे रहे हैं और पार्टी को कमजोर कर रहे हैं।’’
इन नेताओं ने कहा, ‘‘हमने राज्य इकाई के नेतृत्व को राणा गुरजीत की पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में सूचित किया, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उन्हें फिर से कैबिनेट में शामिल कर लिया गया।’’
राणा गुरजीत सिंह ने साल 2018 में रेत खनन के मामले में आरोप लगने के बाद अमरिंदर सिंह सरकार से इस्तीफा दे दिया था। चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें फिर से मंत्री बनाया गया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कांग्रेस ने गुरजीत को कपूरथला विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है।
इस बीच, गुरजीत के पुत्र राणा इंदर प्रताप सिंह ने कपूरथला जिले की सुल्तानपुर लोधी विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस सीट पर कांग्रेस ने अपने विधायक नवतेज सिंह चीमा को उम्मीदवार बनाया है।
चीमा, जालंधर उत्तर से विधायक अवतार सिंह जूनियर, फगवाड़ा से विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल और पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा है।
इन नेताओं ने यहां मीडिया को यह पत्र जारी किया। इसमें कहा गया है, ‘‘राणा गुरजीत सिंह दोआबा क्षेत्र के कई विधानसभा क्षेत्रों में दखल दे रहे हैं और पार्टी को कमजोर कर रहे हैं।’’
इन नेताओं ने कहा, ‘‘हमने राज्य इकाई के नेतृत्व को राणा गुरजीत की पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में सूचित किया, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उन्हें फिर से कैबिनेट में शामिल कर लिया गया।’’
राणा गुरजीत सिंह ने साल 2018 में रेत खनन के मामले में आरोप लगने के बाद अमरिंदर सिंह सरकार से इस्तीफा दे दिया था। चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें फिर से मंत्री बनाया गया।
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