बीते सप्ताह सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

punjabkesari.in Sunday, Jan 09, 2022 - 11:35 AM (IST)

नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी तथा देशभर की मंडियों में तिलहनों की आवक काफी कम रहने के बीच बीते सप्ताह दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में लगभग तेल-तिलहनों के भाव में सुधार रहा।
बाजार सूत्रों ने कहा कि उत्पादन कम होने से मलेशिया में बाजार मजबूत हुआ है तथा वहां कच्चे पाम तेल (सीपीओ) और पामोलीन के दाम में क्रमश: लगभग 40 डॉलर और 50 डॉलर की वृद्धि की गई है। देश में ठंड की वजह से इन तेलों की मांग कमजोर है क्योंकि सर्दियों में ये ‘हार्ड’ तेल जम जाते हैं। इसलिए इन तेलों का कारोबार बेपड़ता बैठता है। आयातकों को इन्हें मंगाने में प्रति किलो 2-3 रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। आयातकों को इन तेलों का खरीद भाव कहीं महंगा बैठता है जबकि इनकी बिक्री का दाम कम है।
सूत्रों ने कहा कि सरसों की उपलब्धता काफी सीमित मात्रा में रह गई है। राजस्थान के एक तेल विशेषज्ञ ने बताया कि 31 दिसंबर को देश में सरसों का स्टॉक लगभग सवा तीन लाख टन का रहने का अनुमान है। इसमें से लगभग 1.70 लाख टन का स्टॉक किसानों के पास है जबकि 1.55 लाख टन का स्टॉक मिलर्स और स्टॉकिस्टों के पास है। इस बचे हुए स्टॉक में से भी अब तक लगभग डेढ़ लाख टन सरसों की खपत हो चुकी है। उपलब्धता कम होने के साथ मांग बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार है।
सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन में सुधार होने की मुख्य वजह यह है कि किसान नीचे भाव में बिक्री से बच रहे हैं और मंडियों में कम उपज ला रहे हैं। देशभर की मंडियों में सोयाबीन की आवक लगभग दो लाख बोरी रह गई है और इस वजह से सोयाबीन तेल कीमतों में भी सुधार आया है।
उन्होंने कहा कि सोयाबीन की पेराई में मिल वालों को तेल की पेराई पर प्रति किलो 5-7 रुपये का नुकसान है। यही हाल बिनौला का भी है जिसकी पेराई पर भी मिल वालों को 5-7 रुपये प्रति किलो का नुकसान बैठता है। सोयाबीन और बिनौला की लगभग 60 प्रतिशत पेराई मिलें बंद हैं। उन्होंने कहा कि शुष्क मौसम की वजह से प्रमुख उत्पादक देश ब्राजील में सोयाबीन की उपज कम होने की संभावना है। इस खबर से भी सोयाबीन में आये सुधार को बल मिला।
उन्होंने कहा कि किसान नीचे भाव में मूंगफली की बिक्री से भी बच रहे हैं। विदेशी बाजारों में तेजी रहने की वजह से मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में भी सुधार आया।
सूत्रों ने बताया कि बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 225 रुपये सुधरकर 8,245-8,275 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो पिछले सप्ताहांत 8,000-8,050 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 525 रुपये सुधरकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 16,625 रुपये क्विंटल हो गया। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमत क्रमश: 75-75 रुपये सुधरकर क्रमश: 2,490-2,615 रुपये और 2,670-2,785 रुपये प्रति टिन हो गईं।
सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के भाव क्रमश: 80 रुपये और 90 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 6,555-6,605 रुपये और 6,365-6,415 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
सोयाबीन तिलहन के भाव में सुधार होने के कारण समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल कीमतों में भी सुधार दिखा। सोयाबीन दिल्ली, इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमश: 180 रुपये, 190 रुपये और 150 रुपये का सुधार दर्शाते क्रमश: 12,880 रुपये, 11,630 रुपये और 11,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में सुधार के आम रुख के अनुरूप समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली दाना, मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली सॉल्वेंट के भाव में सुधार आया। मूंगफली दाना और मूंगफली तेल गुजरात का भाव क्रमश: 50- 50 रुपये का सुधार दर्शाता क्रमश: 5,690-5,780 रुपये, 12,550 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली सॉल्वेंट 10 रुपये के सुधार के साथ 1,840-1,965 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
मलेशिया में बाजार के मजबूत होने से समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतों में भी सुधार दिखा। सीपीओ का भाव 300 रुपये बढ़कर 11,050 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला तेल का भाव भी क्रमश: 400-400 रुपये का सुधार दर्शाता क्रमश: 12,450 रुपये और 11,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
बिनौला तेल का भाव 400 रुपये का सुधार दर्शाता 11,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।


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PTI News Agency

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