डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज ने स्पूतनिक लाइट टीके को बूस्टर खुराक के रूप में मूल्यांकन के लिए ट्रायल के वास्ते मांगी मंजूरी

punjabkesari.in Thursday, Dec 09, 2021 - 08:10 PM (IST)

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज ने कोविड रोधी टीके ‘स्पूतनिक लाइट’ का ‘बूस्टर’ खुराक के रूप में उसके प्रभाव और सुरक्षा के मूल्यांकन के लिए इसके फेज-तीन क्लिनिकल ट्रायल के वास्ते भारत की औषधि नियंत्रक संस्था से मंजूरी मांगी है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
स्पूतनिक लाइट को अभी भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिली है। डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज में नियामक मामलों की निदेशक पी माधवी ने हेटेरो बायोफार्मा लिमिटेड, तेलंगाना में निर्मित टीकों के बैच तथा कर्नाटक में शिल्पा बायोलॉजिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के अपने केंद्र को फेज-तीन ट्रायल के लिए इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया है।
सूत्र के अनुसार, माधवी ने आवेदन में कहा है कि भारतीय नागरिकों के लिए कोविड रोधी स्पूतनिक लाइट टीके को बूस्टर खुराक के रूप में उसकी सुरक्षा और प्रभाव के अध्ययन के वास्ते फेज-तीन ट्रायल की मंजूरी मांगी गई है। हाल में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने भी डीसीजीआई से कोवीशील्ड को बूस्टर खुराक के तौर पर इस्तेमाल की मंजूरी मांगी थी।
टीके की दूसरी खुराक के छह महीने बाद बूस्टर खुराक देने की जरूरत को रेखांकित करते हुए माधवी ने आवेदन में कहा, “कोविड रोधी टीका लगवाने के बाद समय के साथ वायरस से सुरक्षा में कमी आ सकती है और यह वायरस के डेल्टा स्वरूप के प्रति कम प्रभावी हो सकता है।”
उन्होंने कहा, “हम, कोवैक्सिन या कोवीशील्ड के प्रारंभिक खुराक दिए जाने के कम से कम छह महीने बाद स्पूतनिक लाइट वेक्टर टीका दिए जाने पर उसकी सुरक्षा और प्रतिरक्षा उत्पादन करने की क्षमता को परखना चाहते हैं।”

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PTI News Agency

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