लोकसभा ने ईडी, सीबीआई के निदेशकों के कार्यकाल को बढ़ाने वाले विधेयकों को मंजूरी दी

punjabkesari.in Thursday, Dec 09, 2021 - 07:50 PM (IST)

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) लोकसभा ने केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन संशोधन विधेयक को बृहस्पतिवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें सार्वजनिक हित में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तथा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशकों के कार्यकाल को एक बार में एक वर्ष बढ़ाने और पांच वर्ष की अवधि तक उसे विस्तार दिये जाने का प्रावधान है। अभी तक इनके कार्यकाल की सीमा दो वर्ष थी ।
निचले सदन में विधेयकों पर हुई चर्चा का जवाब देते कार्मिक, लोक शिकायत, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इस विधेयक को लाने का मकसद यह है कि इससे जुड़े मुद्दों का वृहद अंतरराष्ट्रीय प्रभाव है क्योंकि विदेशी धनशोधन के मामले जुड़े होते हैं।

उन्होंने कहा कि वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने भी यह सुझाव दिया है कि देशों को अपनी क्षमताओं को बढ़ाना चाहिए और एजेंसियों में उच्च मानदंडों को स्थापित करना चाहिए।
सिंह ने कहा, ‘‘ अगर हमें उच्च वैश्विक मानदंडों को पूरा करना है तब हमारी दृष्टि आगे की ओर बढ़ने वाली होनी चाहिए। बाधा डालने वाला रुख विपरीत प्रभाव डालने वाला होगा।’’
जितेन्द्र सिंह ने विपक्ष के कुछ सदस्यों की टिप्पणियों के हवाले से कहा कि इस विधेयक को बिना पढ़े ही निष्कर्ष निकाला जा रहा है और भ्रमित करने वाला बताया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अभी तक कानून में कार्यकाल के संबंध में केवल न्यूनतम सीमा तय थी और कार्यकाल को लेकर कोई अधिकतम सीमा तय नहीं की गई थी, हमने इसकी सीमा पांच वर्ष तय कर दी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसी भी देश की ऐसी एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के कार्यकाल की सीमा दो वर्ष नहीं है। सिंह ने कहा कि सीबीआई, ईडी के निदेशकों का चयन शीर्ष स्तर की समिति करती है, ऐसे में अगर ऐसी समिति की बुद्धिमता पर भरोसा नहीं होगा, तब कौन फैसला करेगा।
मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने इन विधेयकों से संबंधित अध्यादेशों को निरानुमोदित करने वाले सांविधिक संकल्पों को नामंजूर कर और कुछ विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज करते हुए ध्वनिमत से ‘केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021’ और ‘दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंजूरी दे दी ।
आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और कांग्रेस के मनीष तिवारी ने सदन में संबंधित अध्यादेशों को निरानुमोदित करने का सांविधिक संकल्प पेश किया था।
कार्मिक, लोक शिकायत, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीआई, सीवीसी जैसी संस्थाओं को उच्च गरिमा के स्थान पर रखा है और इन संस्थाओं का स्वतंत्र रूप से कामकाज सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि हम इन्हें मजबूत और अच्छे ढंग से काम करने पर जोर देते हैं और यह प्रयास है कि ‘‘सरकार का इकबाल बरकरार रहना चाहिए’’।
केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक के प्रस्ताव में कहा गया है कि जिस अवधि के लिए प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक अपनी प्रारंभिक नियुक्ति पर पद धारण करते हैं, उसे सार्वजनिक हित में समिति की सिफारिश पर एक बार में एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है तथा प्रारंभिक नियुक्ति में उल्लिखित अवधि सहित कुल मिलाकर पांच साल की अवधि पूरी होने के बाद ऐसा कोई विस्तार प्रदान नहीं किया जाएगा।
वहीं, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन संशोधन विधेयक के प्रस्तावों में कहा गया है कि ‘‘इसके तहत दिल्ली पुलिस विशेष पुलिस स्थापन अधिनियम 1946 में लोकहित में इसकी धारा 4 की उपधारा 1 के अधीन समिति की सिफारिश के आधार पर एक बार में एक वर्ष की अवधि के लिये विस्तार किया जायेगा लेकिन पांच वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद ऐसा कोई सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा।’’ सीबीआई के निदेशक का चयन प्रधानमंत्री, भारत के प्रधान न्यायाधीश और लोकसभा में विपक्ष के नेता की एक समिति की सिफारिश के आधार पर होता है।


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