ईवी बिक्री में उप्र, दिल्ली, कर्नाटक अग्रणी राज्य: सरकार
punjabkesari.in Thursday, Dec 09, 2021 - 09:53 AM (IST)
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण के मामले में शीर्ष तीन राज्यों के रूप में उभरे हैं। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारत में 8,70,141 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया गया है।
उत्तर प्रदेश (2,55,700) में सबसे अधिक पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहन हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद दिल्ली (125,347) और कर्नाटक (72,544) का स्थान आता है।
चौथे और पांचवें स्थान पर बिहार (58,014) और महाराष्ट्र (52,506) का कब्जा है।
गडकरी ने कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय ने जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से देश में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2015 में भारत में (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से अपनाने और निर्माण (फेम इंडिया) योजना तैयार की।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में, फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को एक अप्रैल, 2019 से पांच साल की अवधि के लिए लागू किया जा रहा है, जिसमें कुल बजटीय सहायता 10,000 करोड़ रुपये है।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है; इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर/चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए गडकरी ने कहा कि मौजूदा समय में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी शुल्क प्लाजा फास्टैग सुविधा से लैस हैं।
उन्होंने कहा, "4 दिसंबर, 2021 तक 4.21 करोड़ फास्टैग जारी किए जा चुके हैं और कुल उपयोगकर्ता शुल्क का लगभग 97 प्रतिशत फास्टैग के जरिए वसूल किया जाता है।" एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और रखरखाव के लिए मुख्य रूप से सड़क परिवहन मंत्रालय जिम्मेदार है।
गडकरी ने कहा, "इसके अलावा, मंत्रालय केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढांचा कोष (सीआरआईएफ) और आर्थिक महत्व और अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी (ईआई और आईएससी) योजनाओं के तहत राज्य की सड़कों के विकास और रखरखाव के लिए राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के लिए धन आवंटित करता है।"
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भारत में 8,70,141 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया गया है।
उत्तर प्रदेश (2,55,700) में सबसे अधिक पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहन हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद दिल्ली (125,347) और कर्नाटक (72,544) का स्थान आता है।
चौथे और पांचवें स्थान पर बिहार (58,014) और महाराष्ट्र (52,506) का कब्जा है।
गडकरी ने कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय ने जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से देश में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2015 में भारत में (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से अपनाने और निर्माण (फेम इंडिया) योजना तैयार की।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में, फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को एक अप्रैल, 2019 से पांच साल की अवधि के लिए लागू किया जा रहा है, जिसमें कुल बजटीय सहायता 10,000 करोड़ रुपये है।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है; इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर/चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए गडकरी ने कहा कि मौजूदा समय में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी शुल्क प्लाजा फास्टैग सुविधा से लैस हैं।
उन्होंने कहा, "4 दिसंबर, 2021 तक 4.21 करोड़ फास्टैग जारी किए जा चुके हैं और कुल उपयोगकर्ता शुल्क का लगभग 97 प्रतिशत फास्टैग के जरिए वसूल किया जाता है।" एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और रखरखाव के लिए मुख्य रूप से सड़क परिवहन मंत्रालय जिम्मेदार है।
गडकरी ने कहा, "इसके अलावा, मंत्रालय केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढांचा कोष (सीआरआईएफ) और आर्थिक महत्व और अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी (ईआई और आईएससी) योजनाओं के तहत राज्य की सड़कों के विकास और रखरखाव के लिए राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के लिए धन आवंटित करता है।"
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